महाराष्ट्र

न्यायाधीश की बेटी का आठ बार गर्भपात

पति सहित ससुरालियों पर अपराध दर्ज

  • दादर के उच्च भ्रू बस्ती की घटना

मुंबई/दि.१७ – प्रतिष्ठित परिवार को देख निवृत्त न्यायाधीश पिता ने बड़े जोर शोर से बेटी का विवाह करवाया. लेकिन इस प्रतिष्ठा की आड़ में विकृत मानसिकता छुपी थी. वंश चलाने के लिए बेटा चाहिए, इस लालसा में पति ने निवृत्त न्यायाधीश की बेटी का विदेश में ले जाकर आठ बार गर्भपात करवाये जाने की घटना दादर में उजागर हुई है. ससुरालियों व्दारा घर से बाहर निकालने के बाद युवती ने दादर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने इस मामले में वकील परिवार के खिलाफ गर्भधारणा से पूर्व व प्रसव पूर्व निदान तंत्र लिंग चयन प्रतिबंध कानून सहित दहेज के लिए प्रताड़ित व अन्य कलमोें के अंतर्गत शुक्रवार को अपराध दर्ज किया है.
प्रभादेवी परिसर में शिकायकर्ता महिला रहती है. वकीली क्षेत्र में प्रतिष्ठित लड़के के साथ 2007 में विवाह हुआ. साथ में 62 तोले सोने के गहने भी दिये. पति व सास, ससुर वकील व ननंद डॉक्टर है. महीने की आय 7 से 8 लाख रुपए है. मुझे मेरा वंश व मालमत्ता का जतन करने बेटा चाहिए, ऐसा कहते मारपीट शुरु हुई. बेटा होने के लिए डॉक्टरों से उपचार लिया, वहीं प्री इम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस इस टेस्ट के लिए पति बैंक में ले गया. वहां 8 बार गर्भ धारणा के पहले एम्ब्रियो के लिंग (बीज) की परीक्षा कर उपचार व शस्त्रक्रिया कर रहे थे. इसके लिये करीबन डेढ़ हजार से अधिक हार्मोनल व स्टिरॉइड इंजेक्शन दिये गए थे.
* जन्म न लिए बेटे के लिए करोड़ो रुपए खर्च
महिला की शिकायत के अनुसार विवाह के कुछ दिनों बाद ही पति व्दारा उसे प्रताड़ित किया जा रहा था. सास व पति ने संयुक्त खाता खोलकर खाते के 34 लाख रुपए उनके खाते में ट्रांसफर करवाए. घर में नौकरानी बनाकर रखा. 2009 में बेटी को जन्म देने के बाद अत्याचार और बढ़ गया. 2011 मेंं फिर से गर्भवती रहने पर पति डॉक्टर के पास ले गया और बच्चा नहीं चाहिए ऐसा बताकर गर्भपात की गोलियां लेने पर मजबूर किया. 2015 में फिर से मारपीट की. इसमें जान से मारने का प्रयास किये जाने पर उसने घर छोड़ दिया. बच्ची के जन्मदिन पर 10 रुपए के चॉकलेट नहीं लिये, लेकिन जन्म न लिये वंश के दिये के लिए करोड़ो रुपए खर्च किये जाने की बात महिला ने शिकायत में कही है.

Related Articles

Back to top button