
अमरावती /दि.5– प्रधानमंत्री आवास योजना से लगातार वंचित रखे जाने के विरोध में चिखलदरा के मरियमपुरा और आसपास के क्षेत्रों के नागरिकों ने नगर परिषद कार्यालय के सामने आमरण अनशन शुरु किया था. इस आंदोलन की गंभीरता के बावजूद मेलघाट के वर्तमान विधायक केवलराम काले ने तो घटनास्थल पर पहुंचे और न ही प्रदर्शनकारियों से कोई संवाद किया, इससे आक्रोशित लोगों का गुस्सा और भडक गया. अचलपुर के पूर्व विधायक और प्रहार जनशक्ति पक्ष के नेता बच्चू कडू ने आंदोलनकारियों से मुलाकात कर सीधे चिखलदरा नगर परिषद में जाकर अधिकारियों के साथ बैठक की. अपनी विशिष्ट शैली में उन्होंने तहसीलदार और नगर परिषद के अॅडीशनल सीईओ के साथ बातचीत कर समस्या की जानकारी ली. बैठक के दौरान यह आश्वासन दिया गया कि, अतिक्रमण वैध करने के प्रस्ताव जल्दी ही जिलाधिकारी को भेजे जाएंगे, इसके साथ ही जाति प्रमाणपत्र और जॉब कार्ड के लिए विशेष कैम्प जल्द ही आयोजित किए जाएंगे. इन ठोस आश्वासनों के बाद तहसीलदार जीवन मोराणकर की मौजूदगी में अनशन समाप्त कर दिया गया.
इस आंदोलन का नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण बबनराव धुर्वे और सचिन गोपाल गोरले ने किया. आंदोलनकारियों का कहना था कि, नगर परिषद की ओर से केवल आश्वासन दिये जाते हैं, लेकिन जमीनीस्तर पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती. कई वर्षों से फॉर्म भरने के बावजूद 500 में से सिर्फ 63 अर्जियों को ही मंजूरी मिली है, जबकि 300 आवेदन पात्र पाए गए थे. 237 पात्र लोग अब भी घर के हक से वंचित है. आंदोलन के समय पालिका प्रमुख उपस्थित नहीं थे. मुख्याधिकारी छुट्टी पर थे और कार्यभार नायब तहसीलदार सुधीर धावडे को सोंपा गया था, जिनके पास इस विषय की पूरी जानकारी नहीं थी. इससे प्रदर्शनकारियों में और भी नाराजगी फैल गई. कडू ने चेतावनी दी कि, यदि प्रशासन ने अब भी मांगे पूरी नहीं की तो ‘प्रहार स्टाइल’ में आंदोलन किया जाएगा, वहीं आंदोलनकारियों ने भी साफ कहा है कि, यदि जल्द ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और अगली कडी में चिखलदरा से अमरावती तक पदयात्रा कर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अनशन किया जाएगा.