महाराष्ट्र

उच्च शिक्षा संस्थानों की छात्राओं को दिया जाएं कराटे प्रशिक्षण

निदेशक ने जारी किए निर्देश, 10 साल पहले घोषित की गई थी नीति

मुंबई /दि. 24– राज्य के गैरकृषि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को निर्देश दिए गह है कि, वें अपने यहां पढने वाली छात्राओं को तीन महीने कराटे का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करें. उच्च शिक्षा के निदेशक डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर ने इससे जुडा आदेश जारी किया है. यह कदम नया नहीं है.

राज्य सरकार ने 10 साल पहले यानी 2014 में जो तीसरी महिला नीति घोषित की थी उसमें ही सुरक्षा के मद्देनजर शिक्षा संस्थानों में पढने वाली छात्राओं को तीन महीने कराटे प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया था. शैक्षणिक संस्थाओं को प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी थी. लेकिन यह नीति घोषणा के बाद फाइलों तक सीमित रह गई. सुराज्य निर्माण सेना के अध्यक्ष अमर एकाड ने उच्च शिक्षा के निदेशक को पत्र लिखकर प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की थी. जिसके बाद देवलाणकर ने फिर से आदेश जारी किया है. राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों में पढने वाली छात्राओं की संख्या 12 लाख से ज्यादा है. एकाड ने कहा कि, पिछले वर्ष जून महीने में मुंबई के चर्नी रोड इलाके में एक हॉस्टल में जिस तरह छात्र के साथ दुराचार के बाद उसकी हत्या की थी. उससे साफ पता चलता है कि, छात्राओं को कराटे की ट्रेनिंग दिए जाने की जरूरत है. जिससे उनका आत्मविश्वास बढे और वें अपनी सुरक्षा कर सके.

* स्कूलों में भी मिलें प्रशिक्षण
राज्य के स्कूलों में भी 1 करोड से ज्यादा छात्राएं पढ रही है. महिला नीति के मुताबिक उन्हें भी कराटे का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. मामले में शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे से भी आग्रह किया गया है कि, वें शिक्षा संस्थानों को छात्राओं को कराटे का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करने के लिए कहें.

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