मुंबई/दि. 21 – कोरोना संकट की वजह से राज्य सरकार ने सार्वजनिक रूप से सभी त्योहारों और उत्सवों को मनाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. दही हंडी के त्योहार पर भी पिछले साल इसी वजह से रोक लगाई गई थी. लेकिन इस बार राज ठाकरे की पार्टी मनसे किसी भी हाल में दही हंडी धूमधाम से मनाने को लेकर अड़ गई है. मनसे नेता अभिजीत पानसे ने अपने फेसबुक पेज पर इस बारे में घोषणा की है. अभिजीत पानसे ने अपने पोस्ट में कहा है कि 31 अगस्त को विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली दही हंडी मनाई जाएगी. अभिजीत पानसे के इस ऐलान का ठाणे जिलाध्यक्ष अविनाश जाधव ने भी समर्थन किया है.
दही हंडी के उत्सव को मनाने की मनसे द्वारा तैयारी भी शुरू कर दी गई है. लोगों से यह आह्वान किया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लेकर वे दही हंडी के त्योहार को धूमधामन से मनाने के लिए सामने आएं. मनसे की इस तैयारी को देखते हुए राज्य भर में चर्चाएं शुरू हो गई हैं. अगर मनसे सार्वजनिक रूप से दही हंडी मनाने पर अड़ जाती है, तो ठाकरे सरकार के लिए यह एक नई चिंता को बढ़ाने का कारण बनेगा
-
मनसे दही हंडी मनाने पर अड़ी, राज्य सरकार की चिंता बढ़ी
मनसे ने बड़े पैमाने पर दही हंडी मनाने की घोषणा कर के राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है. महाराष्ट्र में दही हंडी का त्योहार बेहद लोकप्रिय है. गणेश पूजा के अलावा यह त्योहार भी उसी उत्साह से मनाया जाता है. ठाणे की दही हंडी का तो अलग ही महत्व है. ठाणे के अलग-अलग हिस्सों, मुंबई, पालघर, नासिक जैसी दूर-दूराज की जगहों से गोविंदा पथक (दही हंडी फोड़ कर पुरस्कार जीतने वाली टीम) हर साल ठाणे आते हैं और लाखों रुपए के पुरस्कार वाली दही हंडियां फोड़ कर जाते हैं. ना सिर्फ ठाणे, बल्कि पूरे महाराष्ट्र में यह त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है.
पिछले साल कोरोना की वजह से दही हंडी रद्द कर दी गई थी. इस बार कोरोना संक्रमण कम तो हो गया है. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर का डर और एक बार फिर कोरोना संक्रमण की संख्या बढ़नी शुरू होने से राज्य सरकार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. ऐसे में राज्य सरकार क्या भूमिका अपनाती है, यह देखने वाली बात होगी.