कृषि विज्ञान केंद्र घातखेड़ करेगा किसानों का ‘कृषि संकल्प’ विकसित
कृषि संकल्प अभियान का शुभारंभ, जिले के किसानों को मिलेगा विशेषज्ञ मार्गदर्शन

अमरावती /दि.29– कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा देशभर में 29 मई से 12 जून तक किसानों के लिए कृषि संकल्प अभियान चलाया जा रहा है. श्रम साफल्य फाउंडेशन द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र घातखेड के प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कालस्कर ने इस अभियान के बारे में जानकारी दी. पिछले कई दशकों से कृषि विज्ञान केंद्र घातखेड जिले में कृषि और किसानों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा है. यह अभियान खरीफ और रबी सीजन से पहले किसानों को अत्याधुनिक और टिकाऊ कृषि के बारे में उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाया जाएगा.
अमरावती जिले में विकसित कृषि संकल्प अभियान को कृषि विज्ञान केंद्र, घातखेड के क्षेत्र में भी सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा. इसके लिए वैज्ञानिकों की दो टीमें गठित की गई हैं. एक टीम का नेतृत्व धारणी, चिखलदरा, अचलपुर और चांदुर बाजार तहसील के लिए विषय विशेषज्ञ, कृषि विस्तार अमर तायडे कर रहे हैं और दूसरे टीम का नेतृत्व विषय विशेषज्ञ, डॉ. अतुल फूस के नेतृत्व में तिवसा, चांदुर रेलवे, धामनगांव रेलवे आदि तहसीलों में 29 मई से 12 जून 2025 तक चालू रहेगा. इस दल के साथ केंद्रीय अनुसंधान संस्थान के साथ-साथ डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, राज्य सरकार के कृषि विभाग के कृषि अधिकारी, एटीएमए और कृषि से संबंधित विभागों के क्षेत्रीय कर्मचारी भी किसानों के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मौजूद रहेंगे. इस अभियान के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र घातखेड के अनुभवी वैज्ञानिक किसानों की समस्याओं के समाधान सुझाएंगे और अनुसंधान के संबंध में किसानों की अपेक्षाओं को भी जानेंगे. कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं की जानकारी, साथ ही उपलब्ध इनपुट, कृषि विज्ञान केंद्र, घातखेड द्वारा किसानों को उनके गांवों में सीधे उपलब्ध कराए जाएंगे. कृषि विज्ञान केंद्र घातखेड के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. अतुल कलसकर ने किसानों से बड़ी संख्या में उपस्थित होकर इस पहल का लाभ उठाने की अपील की.
कसानों के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन
इस अभियान के तहत किसान सभाएं, सेमिनार, कार्यशालाएं, जन जागरूकता गतिविधियां और किसान सम्मेलन आयोजित किए गए हैं. किसानों को केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी. कुल मिलाकर यह एक व्यापक एवं व्यावहारिकता पहल है. इससे किसानों को खरीफ सीजन के लिए मार्गदर्शन मिलेगा. इससे उत्पादकता बढ़ेगी और टिकाऊ कृषि संभव होगी. कृषि विज्ञान केंद्र घातखेड के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कलसकर ने किसानों से इस अभियान का लाभ उठाने की अपील की.