महाराष्ट्र

हाईकोर्ट का जवाब के लिए केंद्र को अंतिम मौका

तीन वैद्यकीय अभ्यासक्रम हटाने का प्रकरण

नागपुर/दि.7– एमबीबीएस अभ्यासक्रम के तीन विषय के विभाग रद्द करने के प्रकरण में मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने केंद्रीय स्वास्थ व परिवहन कल्याण विभाग द्वारा जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया तो इस प्रकरण में विरोध में फैसला देने की चेतावनी दी गई है. इस प्रकरण में न्या. नितिन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई. याचिका पर आगामी सुनवाई 25 सितंबर को होनेवाली है.
केंद्र शासन द्वारा एमबीबीएस अभ्यासक्रम के लिए आवश्यक रेस्पीरेटरी मेडीसीन फिजिकल मेडीसीन एंड रिहेबिलिटेशन व इमरजंसी मेडीसीन इन तीन विषयों के विभाग रद्द करने का निर्णय लिया. इसके विरोध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट ने केंद्र को इस बाबत जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. लेकिन केंद्र शासन के स्वास्थ व परिवार कल्याण विभाग ने जवाब प्रस्तुत नहीं किया. साथ ही इस बाबत समय भी नहीं मांगा. इस कारण हाईकोर्ट ने निराशा व्यक्त करते हुए अब जवाब प्रस्तुत नहीं किया तो हाईकोर्ट इस प्रकरण में विरोध में निर्णय लेगा, इन शब्दो में हाईकोर्ट ने केंद्र को अंतिम मौका दिया. इंडियन चेस्ट सोसायटी व इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजीकल मेडीसीन एंड रिहेबिलिटेशन की तरफ से यह जनहित याचिका दायर की गई है. पहले की मेडीकल कौन्सिल ऑफ इंडिया के मुताबिक एमबीबीएस अभ्यासक्रम के लिए यह तीनों विभाग अनिवार्य थे. 8 अगस्त 2019 से मेडीकल कौन्सिल ऑफ इंडिया की जगह पर नेशनल मेडीकल कमिशन कार्यान्वित हुआ है. पश्चात कमिशन ने 16 अगस्त 2023 को नई मार्गदर्शक सूचना जारी कर संबंधित तीन विभागों को आवश्यक विभाग की सूची से हटा दिया. यह निर्णय मनमाना, घटनाबाह्य व अन्यायकारक है, ऐसा दावा याचिका में किया गया है. इस कारण यह निर्णय रद्द करने की मांग याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से की है. याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की तरफ से एड. तुषार मंडलेकर ने पक्ष रखा.

 

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