महाराष्ट्र

स्थानीयों को नौकरी के लिए राज्य में जल्द ही कानून

(shivraj singh chavhan) आगामी अधिवेशन में विधेयक लाने सरकार की तैयारी

आंध्रप्रदेश की तरह ८० फीसदी आरक्षण

हिं.स./दि.२१

मुंबई – मध्यप्रदेश में स्थानीय लोगों को सरकारी नौकरियों में पहली प्राथमिकता देने नीति मप्र के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चव्हाण ने घोषित की है. वहीं महाराष्ट्र में बजट पेश करते समय ही स्थानीय लोगों को सभी प्रकार की नौकरी में कानूनी तौर पर प्राथमिकता देने की नीति घोषित की जा चुकी है. ऐसे में अब आगामी अधिवेशन में इस विषय को लेकर कानून तैयार करने की तैयारी सत्ताधारी दल द्वारा शुरू की गई है.

बता दें कि, निजी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को ७५ फीसदी आरक्षण दिये जाने का कानून गत वर्ष आंध्रप्रदेश विधानमंडल द्वारा पारित किया गया. निजी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता नहीं मिलने की बात के मद्देनजर आंध्र के मुख्यमंत्री जगमोहन रेड्डी ने सत्ता में आते ही यह कानून पारित किया है. नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने के निर्णय को कानूनी जामा पहनानेवाला आंध्रप्रदेश देश का एकमात्र राज्य साबित हुआ. अब इसी तर्ज पर महाराष्ट्र में भी कानून बनाया जायेगा. ज्ञात रहे कि, विगत मार्च माह में महाविकास आघाडी का पहला बजट पेश करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री अजीत पवार ने कहा था कि, स्थानीय उम्मीदवारों को नौकरियों में पहली प्राथमिकता मिले. यह सरकार की नीति है. इस नीति के प्रभावी अमल हेतु इस काम में आनेवाली सभी तरह की त्रृटियों को दूर करते हुए सर्वसमावेशक कानून बनाने के संदर्भ में सरकार विचार कर रही है. बजट अधिवेशन में ही आंध्रप्रदेश की तर्ज पर स्थानीय लोगों के लिए सभी तरह की नौकरियों में आरक्षण देने हेतु कानून बनाने की योजना थी, लेकिन इसी दौरान कोरोना का संक्रमण फैलने की वजह से बजट सत्र का बीच में ही समापन करना पडा और यह विधेयक पेश नहीं किया जा सका. वहीं दूसरी ओर राज्य में कोरोना संकट की वजह से ही जुलाई व अगस्त माह के दौरान विधान मंडल का वर्षाकालीन सत्र नहीं हो पाया है. इस अधिवेशन को सितंबर में आयोेजित करने की योजना है, लेकिन यह अधिवेशन कितने दिन चलेगा, इसे लेकर फिलहाल संदेह है. ऐसे में पूर्णकालीक चलनेवाले अधिवेशन में ही स्थानीय लोगोें को रोजगार में आरक्षण देने हेतु कानून तैयार करने की महाविकास आघाडी सरकार द्वारा योजना बनायी गयी है.

इस संदर्भ में राज्य के उद्योगमंत्री सुभाष देसाई का कहना रहा कि, महाराष्ट्र सरकार ने आंध्रप्रदेश सरकार द्वारा पारित कानून का अध्ययन किया है. जिसके अनुसार राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों के लिए ८० प्रतिशत आरक्षण रखने का प्रस्ताव तैयार किया है. यह आरक्षण निजी क्षेत्र की नौकरियोें में भी लागू रहेगा. वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश में यद्यपि इस आरक्षण का विस्तृत ब्यौरा अभी सामने नहीं आया है, लेकिन वहां के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहाण यह जरूर स्पष्ट कर चुके है कि, मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों में ही स्थानीय लोगों के लिए ८० प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेगी.

महाराष्ट्र में स्थानीय लोगों को रोजगार में आरक्षण देने का निर्णय लिया जा चुका है. बजट सत्र के दौरान इसकी घोषणा भी हुई थी, लेकिन कोरोना की वजह से बजट सत्र को जल्द ही खत्म करना पडा. ऐसे में अब आगामी अधिवेशन में इस आरक्षण को लागू करने के लिए कानून बनाया जायेगा.

– सुभाष देसाई उद्योग मंत्री

 

 

 

 

 

 

 

राज्य के स्थानीय युवाओें को सभी प्रकार की नौकरियों में ८० फीसदी आरक्षण देने की योजना महाविकास आघाडी सरकार द्वारा बनायी गयी है और हम बहुत जल्द इसे लेकर एक प्रभावी कानून भी बनायेंगे.

– अजीत पवार उपमुख्यमंत्री

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