
* प्राधिकरण की होगी स्थापना
* साधू-महंतो को प्राधिकरण में स्थान नहीं
नाशिक /दि.24– त्र्यंबकेश्वर के विकास हेतु 1100 करोड रुपयों का प्रारुप तैयार किया गया है. साथ ही कुंभमेले के कामों को त्वरीत शुरु करने हेतु उत्तर प्रदेश की तर्ज पर प्राधिकरण कानून तैयार किया जा रहा है और इस प्राधिकरण में केवल प्रशासकीय अधिकारियों का ही समावेश किया जाएगा एवं इस प्राधिकरण में साधू-महंतो को शामिल नहीं किया जाएगा, इस आशय की घोषणा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा गत रोज की गई. वे गत रोज नाशिक के दौरे पर पहुंचने के बाद सरकारी विश्रामगृह में मीडिया के साथ बातचीत कर रहे थे.
इस समय सीएम फडणवीस ने कहा कि, गोदावरी के पानी की गुणवत्ता को सुधारने हेतु अगले महिने से ही मलनिस्सारण केंद्र का काम शुरु किया जाएगा. साथ ही गोदावरी से आकर मिलनेवाले 24 नालों के पानी का शुद्धीकरण करने हेतु जल्द ही कृति कार्यक्रम भी शुरु किया जाएगा. इस समय कुशावर्त के पानी को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए सीएम फडणवीस ने कुशावर्त के पानी की गुणवत्ता को सुधारने हेतु कुछ निर्देश भी जारी किए जाने की जानकारी दी और बताया कि, सिंहस्थ कुंभ के कामों को गति देने की जरुरत को देखते हुए जल्द ही प्राधिकरण कानून तैयार कर उसे अमल में लाया जाएगा.
* त्र्यंबक का होगा स्थायी विकास
इस समय सीएम फडणवीस ने कहा कि, त्र्यंबकेश्वर देश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है. इसके चलते केवल सिंहस्थ महाकुंभ के लिए ही विचार करने से काम नहीं चलेगा. बल्कि सिंहस्थ के बाद भी त्र्यंबकेश्वरी ब्रह्मगिरी का काम जारी रहेगा, क्योंकि पर्यटन की दृष्टि से त्र्यंबक क्षेत्र का विकास करना बेहद जरुरी है.
* सिंहस्थ के लिए अलग जिम्मेदारी की जरुरत नहीं
इस समय जब सीएम फडणवीस से पूछा गया कि, क्या वे प्रयागराज में हुए कुंभ की तर्ज पर ही सिंहस्थ कुंभ की खुद पर जिम्मेदारी लेंगे, तो सीएम फडणवीस का कहना रहा कि, राज्य के प्रत्येक काम की जवाबदारी मुख्यमंत्री पर ही रहती है, ऐसे में किसी अलग व्यवस्था की कोई जरुरत नहीं है.
* तब तक नाशिक का मैं ही पालकमंत्री
सीएम फडणवीस ने यह भी कहा कि, जिन जिलों में पालकमंत्री की नियुक्ति नहीं हुई है, उन जिलो के पालकमंत्री का पदभार मुख्यमंत्री के पास ही होता है. जिसके चलते फिलहाल वे खुद मुख्यमंत्री होने के नाते नाशिक जिले के पालकमंत्री है. ऐसे में नाशिक के सिंहस्थ कुंभमेले का कोई भी काम नहीं रुकेगा. वहीं सन 2027 में होनेवाला कुंभमेला आस्था व तंत्रज्ञान का संगम रहेगा, ऐसा भी सीएम फडणवीस ने कहा.
* ऐसे काम करेगा प्राधिकरण
सीएम फडणवीस के मुताबिक यदि कुंभमेले को प्रोफेशनली मैनेज व हैंडल नहीं किया गया और यदि उम्मीद से दो गुना व तीन गुना भीड जुटी तो काफी दिक्कते आ सकती है. जिसके चलते कुंभमेले का मैनेजमेंट करने हेतु स्वतंत्र प्राधिकरण की जरुरत है. ऐसे में अध्यात्म का पक्ष साधू-संतों व महंतो द्वारा संभाला जाएगा, वहीं प्रशासन व व्यवस्थापन के पक्ष को कुंभमेला प्राधिकरण द्वारा संभाला जाएगा, इस बात को मद्देनजर रखते हुए प्राधिकरण में केवल प्रशासनिक अधिकारियों को ही शामिल किया गया है और इस प्राधिकरण में किसी भी साधू-संत या महंत को कोई भी स्थान नहीं दिया गया है.