
मुंबई/दि.4 – महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन अधिवेशन दो दिन का होगा. यह अब 7 के बजाय 14 दिसंबर से शुरु होगा. विधानमंडल के दोनों सदनों की गुरुवार को हुई कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में विधान परिषद सभापति रामराजे नाईक निंबालकर, विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार समेत दोनों सदनों के विपक्ष के नेता मौजूद थे. विधान भवन के बाहर संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब ने कहा कि, कोरोना संक्रमण बढने लगा है, ऐसी स्थिति में विधानमंडल में ज्यादा दिन तक विधायकों और उनके स्टाफ को बुलाना उचित नहीं होगा. परब ने कहा कि, बैठक में विपक्ष ने दो सप्ताह का अधिवेशन आयोजित करने की मांग की थी, लेकिन कोरोना के कारण अधिवेशन की अवधि दो दिन करने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि, दो दिवसीय सत्र के पहले दिन 14 दिसंबर को शोक प्रस्ताव, पूरक मांगे और अध्यादेश के प्रस्ताव को सदन के पटल पर रखा जाएगा. जबकि 15 दिसंबर को पूरक मांगों पर चर्चा और मंजूरी के बाद अधिवेशन का सत्रावसान हो जाएगा.
विपक्ष का आरोप-चर्चा से भाग रही है सरकार
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि, दो दिन के सत्र का मतलब है कि, सरकार चर्चा से भाग रहा है. उन्होंने कहा, ‘चक्रवात, बाढ और कीडे लगने के कारण किसानों की फसलें चौपट हो गई है. इसके अलावा मराठा आरक्षण, ओबीसी, महिला अत्याचार समेत कई मुद्दों पर सदन में चर्चा होना जरुरी है.’ वहीं लोकभारती के विधायक कपिल पाटील ने केवल दो दिन का अधिवेशन आयोजित करने पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है.