एमपीएससी परीक्षा होने दें मराठा नेता
मंत्री छगन भुजबल ने किया आंदोलन के फैसले पर पुनर्विचार करने का आवाहन
मुंबई/दि.९ – आगामी रविवार ११ अक्तूबर को राज्य लोकसेवा आयोग (एमपीएससी) की परीक्षा लेनी है अथवा नहीं, इसे लेकर संभ्रम और गतिरोध अब भी बरकरार है. गत रोज मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के साथ हुई बैठक में मराठा संगठनों द्वारा एक बार फिर दोहराया गया कि, मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला होने तक यह परीक्षा न ली जाये, लेकिन सीएम ठाकरे द्वारा इस पर कोई ठोस फैसला नहीं लिये जाने के चलते यह बैठक विफल हो गयी. इसी पाश्र्वभुमि पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने कहा है कि, एमपीएससी की परीक्षा अपने समय पर ही होनी चाहिए. और यदि ऐसा नहीं होता है तो यह अन्य विद्यार्थियों के खिलाफ अन्याय होगा. अत: मराठा समाज के नेताओं ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिये. मंत्री छगन भुजबल का कहना रहा कि, मराठा आरक्षण को ओबीसी समाज का पूरा समर्थन है. लेकिन ओबीसी समाज के अधिकारों पर चोट नहीं पहुंचनी चाहिए. अत: मराठा समाज ने बडे भाई की भुमिका निभाते हुए यह परीक्षा होने देना चाहिए, ताकि अन्य विद्यार्थियों का कोई नुकसान न हो. बता दें कि, एमपीएससी के २०० पदों हेतु रविवार ११ अक्तूबर को परीक्षा आयोजीत की गई है, लेकिन मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम स्थगिती दिये जाने की वजह से आरक्षण को लेकर अंतिम निर्णय आने तक मराठा संगठनों ने यह परीक्षा लिये जाने का विरोध किया है.