मुुंबई/दि.१० – स्कूल बसों पर चालको सहित महिला और पुरूष मददगार रहते है. बस बंद होने से अनेको के रोजगार पूरी तरह से डूब गये है. आर्थिक संकट का सामना करने वाले ऐसे अनेक लोग है जो काम करके अपना जीवन यापन करते है. ऐसे में कर्ज चुकाने के लिए बस मालिको के पीछे वित्तीय संस्थाओं ने तगादा लगाया है. इस संकट के समय सरकार इस घटको की ओर तत्काल ध्यान देना जरूरी है. लेकिन सरकार इस ओर अनदेखा कर रही है. जिसके कारण शालेय बस मालिक उदासीन हो गये है. वित्तीय संस्थाओं की ओर से होनेवाला छल रोकने के लिए स्कूल बस मालिक के साथ मनसे कायम है.ऐसा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के महासचिव कीर्तिकुमार शिंदे ने बताया.
१६ मार्च २०२० से बस यातायात बंद है. फिलहाल स्थिति को देखकर जून २०२१ तक शाला बंद रहने के संकेत हैे. अब बैंक वित्तीय कंपनी ने बस मालिक से कर्ज चुकाने के लिए तगादा लगाया है.
स्कूल बस चालक का रोजगार गया
परिवहन विभाग से यातायात के लिए लायसेंस मांगे परंतु उनकी ओर से कोई प्रतिसाद नहीं. एक ओर आर्थिक मदद नहीं करनी हैे. दूसरी ओर यात्री यातायात का व्यवसाय भी नहीं करने देते. इस तरह आर्थिक साधन के दोनों रास्ते सरकार ने बंद किए हैे. जिसके कारण अखिल महाराष्ट्र राज्य विद्यार्थी यातायात महासंघ द्वारा १५ दिसंबर को आजाद मैदान में आंदोलन किया जायेगा. इसमें चालको सहित महिला व पुरूष मदद के लिए उपस्थित रहेंगे. ऐसी जानकारी विद्यार्थी यातायात महासंघ के योगेश कांबले ने दी.
एसटी के अनुसार मदद दी जाए
महासंघ ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, गृहमंत्री, केन्द्रीय मंत्री ने अनेक निवेदन दिए. लेकिन उसका कोई भी परिणाम नहीं हुआ. सरकार ने एसटी महामंडल को जैसी आर्थिक मदद की वैसी ही मदद स्कूल बस चालको को मिले, ऐसी अपेक्षा भी महासंघ ने व्यक्त की है.