मुंबई/दि.२२-. कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी और लोगों के आवागमन पर जारी प्रतिबंधों के बीच मुंबई और महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को दस दिवसीय गणेश चतुर्थी उत्सव (Ganesh Festival) की शुरूआत हुयी, इस साल त्यौहार में पारंपरिक धूमधाम का अभाव है . महाराष्ट्र सरकार ने गणेशोत्सव के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है और कहा है कि भगवान गणेश की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा और इसके विसर्जन से पहले किसी प्रकार का जुलूस नहीं निकाला जाना चाहिये. इस साल सार्वजनिक पंडालों में और घरों में आयोजित होने वाली इस पूजा में भगवान गणेश की प्रतिमा की उंचाई को सीमित कर दिया गया है. पंडालों के लिए प्रतिमा की ऊंचाई अधिकतम चार फुट और घरों पर स्थापना के लिए अधिकतम दो फुट होनी चाहिए. इसके परिणाम स्वरूप घरों में, हाउसिंग सोसाइटियों में और सार्वजनिक पंडालों में गणपति की प्राण प्रतिष्ठा के लिये प्रतिमा खरीदने वाले लोगों की संख्या सीमित रही. महामारी के कारण इस साल इस उत्सव को लेकर उत्साह अपेक्षाकृत कम है.
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उत्सव को सीमित किये जाने के कारण छोटे कारोबारों पर इसका असर
उत्सव को सीमित किये जाने के कारण छोटे कारोबारों पर इसका असर हुआ है. इनमें फूल विक्रेता, मिठाई की दुकान, सजावट के सामान की दुकानें, आभूषणों की दुकानें और ट्रांसपोर्टर आदि शामिल हैं. इस महामारी ने कई अन्य लोगों को भी प्रभावित किया है जिनमें कलाकार भी शामिल हैं. हालांकि, दादर जैसे कुछ लोकप्रिय बाजारों में पिछले दो दिन से बड़ी तादाद में लोग आये और उन्होंने सजावट और पूजा आदि के लिये जरूरी समानों की खरीदारी की.
लालबागचा राजा को इस साल महामारी को देखते हुये उत्सव को रद्द कर दिया है जबकि वडाला की जीएसबी सेवा समिति ने पूजा को अगले साल फरवरी में मेघ शुद्ध चतुर्थी तक के लिये टाल दिया है. इस साल महामारी के कारण पंडाल की सजावट हर बार की तरह देखने को नहीं मिल रही है और सांस्कृतिक कार्यक्रम की जगह जन जागरूकता कार्यक्रम (Awareness program) और स्वास्थ्य शिविरों (Health camps) का आयोजन किया जा रहा है.
उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने भी वर्षा बंगले में किया भगवान गणेश का स्वागत शनिवार की सुबह से बारिश के बीच भी लोग गणपति बाप्पा मोरया के जयघोष के बीच गणपति की प्रतिमा लेने के लिये बाहर निकले. कुछ इलाकों में भगवान का स्वागत करने के लिये आतिशबाजी चलाई गयी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी अपने सरकारी आवास वर्षा बंगले में भगवान गणेश का स्वागत किया. कुछ सेलिब्रिटीज और राजनेताओं ने भी अपने-अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना की. भगवान की प्राण प्रतिष्ठा आज सुबह परंपरागत तरीके से की गयी. इस बीच उत्सव को देखते हुये शहर में सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता कर दी गयी है. स्थानीय पुलिस के अलावा त्वरित कार्य बल की एक कंपनी, एसआरपीएफ (SRPF) की तीन कंपनी, स्थानीय सशस्त्र बल और दंगा नियंत्रण पुलिस की तैनाती की गयी है .पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिये त्वरित आपदा बल, बम निरोधक दस्ता और आतंकवाद निरोधक प्रकोष्ठ (Anti Terrorism Cell) को भी अलर्ट पर रखा गया है. उन्होंने कहा कि पांच हजार सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की सहायता से पुलिस टीम घटनाओं की निगरानी करेगी. गणेश चतुर्थी के उत्सव को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है. यह उत्सव भगवान गणेश के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.