अमरावती /दि.26– उल्का निर्मित रहने वाले तथा व्यापक वैज्ञानिक संशोधन की संभावना रहने वाले विश्व विख्यात लोणार सरोवर को वर्ल्ड हेरिटेज साइट यानि वैश्विक विरासत स्थल का दर्जा मिले, इस हेतु भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इस आशय की जानकारी मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ को दी गई है. जिसके उपरान्त हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व विभाग को लोणार सरोवर संवर्धन के संदर्भ में आगामी 7 फरवरी तक विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया है.
बता दें कि, बुलढाणा जिले में स्थित लोणार सरोवर के जतन संवर्धन व विकास हेतु अदालत ने स्वसंज्ञान लेकर जनहित याचिका दाखिल की है. जिस पर न्या. नितिन सांभरे व न्या. अभय मंत्री की दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. इस दौरान इस मामले में न्यायालय मित्र एड. एस. एस. सान्याल ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि, राज्य सरकार ने लोणार सरोवर संवर्धन प्रारुप के लिए 369 करोड रुपए दिये है. साथ ही इस प्रारुप पर अमल करने हेतु अमरावती के संभागीय राजस्व आयुक्त की अध्यक्षता में लोणार सरोवर संवर्धन समिति भी स्थापित की गई है.
* क्या होता है वर्ल्ड हेरिटेज साईट?
कुछ स्थानों का अपना विशेष सांस्कृतिक व भौगोलिक महत्व होता है. ऐसे स्थानों की संस्कृति को टिकाए रखने हेतु उनका संरक्षण करना आवश्यक होता है. जिसके चलते युनाईटेड नेशन्स एज्युकेशनल्स, साईंटीफिक एण्ड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन यानि युनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी के जरिए ऐसे वन, पर्वत, सरोवर, द्वीप, रेगीस्तान, स्मारक, इमारत, कॉम्प्लेक्स व शहर को वर्ल्ड हेरिटेज साईट का दर्जा दिया जाता है. जिसके बाद वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी द्वारा ऐसे स्थानों की देखरेख की जाती है. साथ ही कु विशिष्ट परिस्थिति में ऐसे स्थानों के जतन व संवर्धन के लिए आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया जाता है.