वाहनों की नई नंबर प्लेट की आड में चल रही लूट
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सपकाल ने सरकार पर लगाया आरोप
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मुंबई /दि. 28- भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्ववाली महायुति सरकार जनता को लूटने का एक भी मौका नहीं छोड रही. इस समय जहां जनता एक ओर पहले ही लगातार बढती महंगाई से त्रस्त है, वहीं अब वाहन धारकों की जेब पर सरकार की नजर पड गई है. जिसके तहत वाहनों के हाई सिक्युरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के नाम पर सरकार द्वार भारी भरकम शुल्क वसूला जा रहा है. जो अन्य राज्यों की तुलना में दो से तीन गुना अधिक है. ऐसे में इसे शुल्क नहीं बल्कि जजिया कर कहा जा सकता है, इस आशय का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से तुरंत ही यह शुल्क कम करने की मांग की है.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मुख्यमंत्री फडणवीस को लिखे पत्र में बताया है कि, यद्यपि 1 अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत वाहनों के लिए हाई सिक्युरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट को अनिवार्य किया गया है. जिसका उद्देश्य भले ही उपरी तौर पर अच्छा लग रहा है, लेकिन इसकी आड लेकर राज्य के वाहनधारकों की खुलेआम लूट की जा रही है. क्योंकि, अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में इस नंबर प्लेट हेतु लिया जानेवाला शुल्क दो से तीन गुना अधिक है. सपकाल के मुताबिक पडोसी राज्य गोवा में दुपहिया व तिपहिया वाहनों के लिए 155 रुपए तथा चार पहिया वाहनों के लिए 203 रुपए का शुल्क लिया जाता है. वहीं महाराष्ट्र में दुपहिया वाहनों के लिए 450 रुपए, तिपहिया वाहनों के लिए 500 रुपए व चार पहिया वाहनों के लिए 745 रुपए शुल्क लिया जा रहा है. जिसके बाद इस नंबर प्लेट के लिए 18 फीसद जीएसटी भी वाहनधारक को ही अदा करना पडेगा. यह बात आरटीओ द्वारा वाहनधारकों से छिपाई गई. इसके अलावा आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात व पंजाब में भी महाराष्ट्र की तुलना में काफी कम शुल्क लिया जा रहा है. इस बात की ओर राज्य सरकार द्वारा ध्यान दिया जाना चाहिए.
इसके अलावा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने यह भी कहा कि, मंत्रिमंडल स्थापना को लेकर गडबडी शुरु रहने के दौरान नंबर प्लेट का ठेका बेहद जल्दबाजी में दिया गया और मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने आपसी मिलीभगत करते हुए इसे मंजूरी दी. साथ ही यह नंबर प्लेट 31 मार्च के बाद वाहन पर दिखाई नहीं देने पर 5 हजार रुपए का दंड भी लगाया जाएगा. जबकि दंड की राशि का निर्धारण काफी अधिक किया गया है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सपकाल के मुताबिक कोई भी नया बदलाव करते समय आम जनता को उससे तकलीफ नहीं होगी, इसका विचार किया जाना चाहिए. परंतु इस मामले में ऐसा होता दिखाई नहीं दिया है. जिसका सीधा मतलब है कि, आम जनता के साथ की जानेवाली इस लूट में महाराष्ट्र सरकार भी शामिल है.