महाराष्ट्र

फुफ्फुस के कैंसर का निदान 10 मिनट में

ऑन्को प्रेडिक्ट टेस्ट का तीसरी इंडियन कैंसर कांग्रेस में प्रस्तुतिकरण

मुंबई/दि.8– विविध तरह की स्वास्थ्य जांच करने के बाद कैंसर का निदान होने हेतु साधारण तौर पर 5 से 10 दिन का समय लगता है. जिसके चलते कई मरीजों का इलाज शुरु होने मेें विलंब होता है. लेकिन अब फुफ्फुस के कैंसर का निदान केवल 10 मिनट में करना संभव होने वाला है. ऑन्को प्रेडिक्ट टेस्ट के जरिए ऐसा करना संभव हुआ है और यह टेस्ट कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि आर्टीफिशियल इंटेलिजन्स के जरिए की जाती है.

बता दें कि, देश में फुफ्फुस यानि फेफडों के कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है. धुम्रपान करने वाले व्यक्तियों में फुफ्फुस का प्रमाण अधिक होता है. कैंसर का निदान गुणसूत्र में बदलाव के माध्यम से करना संभव रहने की बात ऑन्को प्रेडिक्ट टेस्ट से स्पष्ट हुई है. यह टेस्ट करने हेतु डॉक्टरों को मरीजों की बायप्सी करते हुए उसकी पेशी संकलित कर इस पेशी की एक स्लाइड तैयार करते हुए उसे वन सेल की लिंक पर अपलोड करना होता है. जिसके बाद मरीज के गुणसूत्र में कोई बदलाव हुआ है अथवा नहीं, यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जरिए डॉक्टर को पता चलता है. गुणसूत्र में बदलाव दिखाई देने पर डॉक्टर द्वारा इलाज की दिशा तय करते हुए कुछ पद्धति से इलाज शुरु किया जा सकता है. ऐसा वन सेल के मुख्य संशोधक डॉ. जयंत खंडारे द्वारा बताया गया.

मुंबई स्थित बांद्रा कुर्ला संकुल के जीओ कन्वेशन सेंटर में आयोजित तीसरी इंडियन कैंसर कांग्रेस ने ऑन्को प्रेडिक्ट टेस्ट का प्रेझेंटेशन किया गया. 2 से 5 नवंबर तक चली तीसरी इंडियन कैंसर कांग्रेस में पूरी दुनिया भर से करीब 5 से 6 कैंसर विशेषज्ञ शामिल हुए थे.

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