महाराष्ट्र

महानिर्मिति के पास केवल 16 दिन का ही कोयला संग्रह

70 से 80 प्रतिशत ही औष्णिक बिजली निर्मिति

मुंबई/दि.12– अप्रैल और मई जैसे अधिक बिजली की मांग करनेवाले समय में कम से कम 22 दिन के लिए 29.70 लाख टन कोयला संग्रह औष्णिक बिजली उत्पादन कंपनी को रखना केंद्रीय उर्जा आयोग ने अनिवार्य किया है. किंतु इस तुलना में राज्य सरकारी महानिर्मित इस बिजली उत्पादन कंपनी के पास औसतन की अपेक्षा 6 दिन का कोयला संग्रह कम है. किंतु बिजली की मांग के अनुसार बिजली उत्पादन करने के लिए कोयले की आपूर्ति होने का कंपनी द्बारा कहा गया है.

महानिर्मिति कंपनी की स्थापित बिजली निर्मिति क्षमता 13 हजार 152 मेगावॉट है. जिसमेें कोयला आधारित औष्णिक बिजली का हिस्सा 9540 मेगावॉट हैं. कंपनी की ओर से फिलहाल रोज औसतन 6 हजार से 8200 मेगावाट बिजली निर्मिती हो रही है. इस संबंध में कंपनी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने दी जानकारी के अनुसार महानिर्मिती की ओर से कोयले का संग्रह फिलहाल 21.25 लाख टन है. सात औष्णिक बिजली प्रकल्प के लिए वे उपयोग किए जा रहे है. रोज 1.20 लाख 1.30 लाख कोयला केंद्र सरकारी कोल इंडिया अंतर्गत कंपनी की ओर से इस सात प्रकल्प में आ रहे है. उस तुलना में सातों ही प्रकल्प कोयले का उपयोग 1.10 से 1.20 लाख टन है.

केंद्रीय उर्जा आयोग का कम से कम 29. 70 लाख टन कोयले की तुलना में महानिर्माण की ओर 21. 25 लाख टन का कोयला संग्रह है. ये कोयला सातों ही प्रकल्प में औसतन 16 दिवस तक बिजली निर्मिति कर सकेगा. ऐसा है किंतु ये स्थिति विगत वर्ष की अपेक्षा बहुत अच्छी है. रोज कोयले की आवक होने से यह स्थिति चिंताजनक नहीं है. बिजली की सभी मांग पूर्ण करने के लिए आवश्यक हो उतनी बिजली निर्मिति इस कोयले से की जायेगी. ऐसा कंपनी के सूत्रों ने कहा है.

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