सीतारमण और रूपाणी की मौजूदगी में तय होगा महाराष्ट्र का सीएम
नई सरकार व नये सीएम को लेकर अब भी चल रहा घमासान
* भाजपा ने दोनों को नियुक्त किया पर्यवेक्षक, कल पहुंचेंगे मुंबई
* राज्य में तेजी से बदल रही सरकार गठन करने को लेकर स्थितियां
* दरे गांव से मुंबई पहुंचे सीएम शिंदे, सभी बैठकें रद्द, घर पर कर रहे आराम
* सीएम शिंदे के बेटे सांसद श्रीकांत ने डेप्यूटी सीएम पर को लेकर जतायी अनिच्छा
* राकांपा नेता व डेप्यूटी सीएम अजीत पवार आज अचानक दिल्ली पहुंचे, शाह से की भेंट
* भाजपा विधायक दल की हो सकती है बैठक, पहले कोर कमिटी की बैठक होगी
* राजनीतिक गतिविधियों व नेताओं के दौरों का दौर तेज, जल्द होगा समाधान
मुंबई /दि.2- महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 23 नवंबर को आया था. भाजपा, शिवसेना शिंदे और राकांपा अजित गुट के गठबंधन महायुति को 230 सीटें मिलीं. यानी बहुमत के लिए जरूरी 145 विधायकों से 85 सीटें ज्यादा. रिजल्ट आए आज 9 दिन बीत चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पर पेंच अब भी बना हुआ है. इसी बीच इस पेंच को हल करने के लिए भाजपा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी को पर्यवेक्षक बनाया है. दोनों नेता कल मुंबई पहुंचेंगे. इन दोनों की मौजूदगी में ही विधायक दल की बैठक में महाराष्ट्र के सीएम का नाम तय होगा. विधायक दल की बैठक की तारीख का ऐलान अभी नहीं हुआ है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि बैठक 4 दिसंबर को होगी.
बता दें कि राज्य के नये मुख्यमंत्री की शपथविधि हेतु 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान पर शपथग्रहण समारोह आयोजित किया जाना है. जिसके लिए आजाद मैदान पर तमाम आवश्यक तैयारियां जमकर की जा रही है. साथ ही संभावना जतायी जा रही है कि, इस शपथविधि समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे. ऐसे में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने आज आजाद मैदान पहुंचकर वहां चल रही तैयारियों का प्रत्यक्ष जायजा लिया.
* गृह और वित्त मंत्रालय पर बात अटकी
– दोनों मंत्रालयों के लिए अडे एकनाथ शिंदे
शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के पास ही गृह मंत्रालय था. वो इस मंत्रालय को छोड़ना नहीं चाहते हैं. वहीं शिंदे गुट का तर्क है कि अगर डिप्टी सीएम का पद हमें मिल रहा है तो गृह मंत्रालय भी उन्हें ही मिलना चाहिए. शाह के साथ बैठक में भी इसका हल नहीं निकल पाया. माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते शाह की बैठक में कैबिनेट गठन पर कोई समाधान नहीं निकल सका. एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि बीजेपी गृह मंत्री का पद कभी हाथ से नहीं जाने देगी. सूत्रों के मुताबिक, शाह से चर्चा के बाद भी विभागों को लेकर गठबंधन में खींचतान मची हुई है. भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहती है. उन्होंने शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग ऑफर किया है. वहीं राकांपा अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग, कृषि जैसे विभाग देने की पेशकश की है.
* श्रीकांत शिंदे डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे
महाराष्ट्र के कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे और शिवसेना के सांसद श्रीकांत शिंदे ने डिप्टी सीएम बनने की खबरों को विराम दे दिया है. उन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर बताया कि उन्हें केंद्र सरकार में ही मंत्री बनने का ऑफर था, जिसे वह ठुकरा चुके हैं. उन्होंने कहा है कि वह राज्य में किसी मंत्री पद के दौर में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मुझे सत्ता में पद की कोई चाहत नहीं है. श्रीकांत शिंदे ने बताया कि उनके पिता की तबीयत खराब थी, इसलिए वह आराम के लिए अपने गांव गए थे. महाराष्ट्र सीएम के चुनाव को लेकर ताजा अपडेट यह है कि सोमवार को महायुति की बैठक कैंसल हो गई क्योंकि एकनाथ शिंदे ठाणे से मुंबई नहीं गए. बताया जा रहा है कि शिंदे अभी भी अस्वस्थ हैं, इसलिए वह ठाणे में विश्राम करेंगे.
* सरकार गठन में देरी से अजित नाखुश
– बीजेपी नेतृत्व ने दिल्ली बुलाया
सोमवार को महाराष्ट्र के नए मंत्रिमंडल को लेकर महायुति की प्रस्तावित बैठक कैंसल हो गई. एकनाथ शिंदे की अस्वस्थता के कारण यह बैठक टाल दी गई है. वह फिलहाल ठाणे में ही हैं. इस बीच महायुति के दूसरे पार्टनर अजित पवार अपने पार्टी के सांसद सुनील तटकरे के साथ मुंबई पहुंच गए, जहां वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य दूसरे नेताओं के साथ पर चर्चा करेंगे. एनसीपी शिंदे और बीजेपी के बीच चल रही तनातनी के कारण सरकार गठन में हो रही देरी से नाखुश बताए जा रहे हैं. शिवसेना का कहना है कि उनके नेताओं को बातचीत के लिए दिल्ली नहीं बुलाया गया है. माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे अपने पहले की गई घोषणा के अनुसार डिप्टी सीएम बनने को तैयार नहीं हैं, मगर गृह मंत्रालय जैसे बड़े विभाग के साथ सरकार का हिस्सा बने रहना चाहते हैं.
* तीनों घटक दलों की बुलाई गई बैठक
– भाजपा ने भी अपने विधायकों को मुंबई बुलाया
गत रोज ही कार्यवाहक मुख्यमंत्री अपने निजी दौरे को निपटाकर सतारा जिले के दरेगांव से मुंबई वापिस लौट आये. जिसके बाद महायुति में शामिल भाजपा, शिंदे गुट वाली शिवसेना तथा अजीत पवार गुट वाली राकांपा की एक बैठक आहुत की गई. जिसमें मुख्यमंत्री की शपथविधि सहित एकनाथ शिंदे द्वारा उठाई गई उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री पद की मांग को लेकर चर्चा होनी है. गृहमंत्री पद को लेकर जहां एकनाथ शिंदे पूरी तरह से अडे हुए है, इसके साथ ही आज भाजपा की एक ओर बैठक भी बुलाई गई है. जिसके लिए भाजपा के लगभग सभी विधायकों को मुंबई आने के आदेश भी जारी किये जा चुके है. ऐसे में यह देखना भी दिलचस्प होगा कि, भाजपा द्वारा अपने विधायकों की बैठक में क्या निर्णय लिया जाता है.
* अमित शाह ने मंगवाये विधायक के रिपोर्ट कार्ड
– शिंदे सरकार में मंत्री रहे विधायकों के कामों की होगी समीक्षा
इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में मंत्री पद हेतु कुछ मानक तय किये है और उन मानकों की पूर्तता करने वालों को ही मंत्री पद दिया जाएगा. जिसके चलते केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंत्रिमंडल में शामिल होने के इच्छुक विधायकों के रिपोर्ट कार्ड मंगवाये है. जिसके जरिए यह देखा जाएगा कि, संबंधित विधायक का लोकसभा चुनाव के समय काम व प्रदर्शन कैसा था. साथ ही शिंदे सरकार में मंत्री रह चुके विधायकों के संदर्भ में देखा जाएगा कि, संबंधित विधायक द्वारा मंत्री रहते समय मंत्रालय में कैसे व कितना समय काम किया जाता था तथा केंद्र व राज्य की निधि का विनियोग किस तरह किया गया. इसके साथ ही मंत्री बनने के इच्छुक विधायकों द्वारा दिये गये बयानों और उनसे उपजे विवादों पर भी नजर रखी जा रही है.
जानकारी के मुताबिक यद्यपि राज्य में भाजपा की ओर से मंत्री नियुक्त करने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास होगा और मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम लगभग तय माना जा रहा है. लेकिन मंत्री बनाये जाते समय कौन से मानकों का पालन होना चाहिए. इसके मापदंड केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तय किये गये है और इन्हीं मानकों के आधार पर भाजपा के विधायकों की मंत्री पदों पर नियुक्ति होगी.
* शिंदे की सभी बैठकें रद्द, डॉक्टरों ने दी आराम की सलाह
जहां एक ओर महाराष्ट्र में सत्ता स्थापना को लेकर जबर्दस्त हलचलें चल रही है और सीएम शिंदे ने आज अपने विधायकों की बैठक भी बुलाई थी. परंतु ऐन समय पर सीएम शिंदे की आज सभी बैठकों को रद्द कर दिया गया. पता चला है कि, डॉक्टरों ने सीएम शिंदे कों फिलहाल आराम करने की सलाह दी है. ज्ञात रहे कि, विगत दिनों चुनावी धामधूम के बाद सैर तफरिह करने अपने पैतृक गांव गये सीएम शिंदे की गांव में ही अचानक तबीयत बिगड गई थी और उन्हें 104 डिग्री बुखार आ गया था. जिसके बाद एक दिन गांव में आराम करने के उपरान्त सीएम शिंदे कल शाम ही दरेगांव से मुंबई पहुंचे, जहां पर उन्होंने आज अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसे डॉक्टरों की सलाह के बाद रद्द कर दिया गया.
* केंद्र कीराजनीति में नहीं जाएंगे शिंदे
– शिंदे गुट के नेता विधायक संजय शिरसाट ने किया स्पष्ट
राज्य में चल रही राजनीतिक उठापठक के बीच अचानक ही यह खबर भी तेजी के साथ फैली कि, यदि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया गया, तो उन्हें केंद्र में मंत्री पद की ऑफर दी जा सकती है और वे दिल्ली की राजनीतिक में सक्रिय हो सकते है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेता व विधायक संजय शिरसाट ने ऐसी खबरों को पूरी तरह से निराधार बताया. साथ ही कहा कि, शिंदे की महाराष्ट्र में अच्छी खासी लोकप्रियता है, जिन्हें दिल्ली जाने की कोई जरुरत भी नहीं है. इसके साथ ही विधायक शिरसाट ने यह भी कहा कि, महायुति में मुख्यमंत्री के पद को लेकर किसी भी घटक दल में कोई नाराजगी नहीं है तथा शिंदे व अजीत पवार की नाराजगी को लेकर बिना वजह की खबरें फैलाई जा रही है. साथ ही विधायक संजय शिरसाट ने शिवसेना उबाठा के नेता व राज्यसभा सांसद संजय राउत पर भी निशाना साधते हुए कहा कि, सीएम शिंदे को दाढी संबोधित करने वाले यही संजय राउत राज्यसभा चुनाव के समय एकनाथ शिंदे के पांव पकडा करा करते थे. यह बात शायद संजय राउत भुल गये है. इसके अलावा संजय शिरसाट ने यह भी कहा कि, संजय राउत को राज्यसभा में भेजना हम सभी लोगों की एक बडी गलती थी.