महाराष्ट्र सरकार ने की 41 फीसदी सैलरी बढ़ाने की घोषणा
ST कर्मचारियों की हड़ताल खत्म करने पर सुबह 11 बजे होगा फैसला
मुंबई/दि.२४-महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने पर सुबह तक फैसला टाल दिया है. आज रात स्टेट ट्रांसपोर्ट के कर्मचारी मुंबई के आजाद मैदान में जमे रहेंगे. रात में चर्चा के बाद सुबह ग्यारह बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर फैसला जाहिर किया जाएगा. ST कर्मचारियों की ओर से राज्य सरकार से बातचीत कर रहे बीजेपी नेता सदाभाऊ खोत और गोपीचंद परडकर ने मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी. इससे पहले राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की घोषणा की. इसके बाद स्टेट ट्रांसपोर्ट से जुड़े कर्मचारियों ने आज रात भर चर्चा करने के बाद सुबह निर्णय लेने की बात कही. कर्मचारियों का बड़ा तबका निगम का राज्य सरकार में विलय से कम की शर्त पर हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं हैं. जबकि सरकार का तर्क है कि जब तक इस संबंध में गठित समिति की रिपोर्ट नहीं आ जाती और उस रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक सरकार ने अंतरिम रूप से कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का ऑफर दिया है. सरकार ने विलय के अलावा जो दो प्रमुख मांगे थीं वो मान ली हैं. सैलरी बढ़ानी की घोषणा कर दी गई है और समय पर सैलरी की बात भी मान ली है. पिछले 15 दिनों से राज्य भर से आए स्टेट ट्रांसपोर्ट के कर्मचारी मुंबई के आजाद मैदान में बैठकर आंदोलन कर रहे थे. एसटी कर्मचारियों के शिष्टमंडल, बीजेपी नेता गोपीचंद परडकर और सदाभाऊ खोत के साथ मंगलवार को ढाई घंटे की बैठक और बुधवार को सुबह ग्यारह बजे से चली मैराथन बैठक के बाद परिवहन मंत्री वित्त मंत्री अजित पवार से मिलने गए. इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सैलरी बढ़ाने के फैसले पर मंजूरी ली. तब वे मीडिया के सामने आए. इस संबंध में घोषणा करते हुए परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि,’ जब तक अंतिम रूप से राज्य सरकार में निगम कर्मचारियों के विलय से संबंधित कोई ठोस फैसला नहीं हो जाता तब तक सरकार ने अंतरिम रूप से सैलरी बढ़ाने का फैसला किया है. मूल वेतन में 5 हजार रुपए की बढ़ोत्तरी का हमने फैसला किया है. यह वृद्धि 1 से 10 साल तक सेवा देने वाले कर्मचारियों के वेतन में होगी. 10 साल से 20 साल तक सेवा देने वाले कर्मचारियों की सैलरी में चार हजार की बढ़ोत्तरी की गई है. 12 हजार 80 वेतन वाले कर्मचारियों की सैलरी 17 हजार 395 रुपए हो गई है. जिनकी सैलरी 16 हजार है उनकी सैलरी अब 28 हजार हो जाएगी.जिनकी सैलरी 40 हजार या इससे ऊपर है, उनकी सैलरी में ढाई हजार की बढ़ोत्तरी की गई है. साथ ही यह भी फैसला किया गया है कि सैलरी की तारीख में भी अनिश्चितता खत्म की जाएगी. अब से सैलरी हर महीने 10 तारीख से पहले हुआ करेगी.’
‘सरकार ने दोनों प्रमुख मांगे मान ली हैं, वेतन वृद्धि और समय पर सैलरी’
अनिल परब ने कहा कि जब मूल वेतन बढ़ता है तो डीए भी बढ़ता है, एचआरए भी बढ़ता है. निगम कर्मचारियों का राज्य सरकार में विलय के निर्णय को छोड़ कर सरकार ने दोनों मांगें मान ली हैं. वेतन में बढ़ोत्तरी और समय पर वेतन की मांगें सरकार ने मान ली है. इसलिए कर्मचारियों द्वारा हड़ताल कायम रखने का कोई तर्क नहीं है.
‘राज्य सरकार में विलय पर फैसला समिति की रिपोर्ट आने के बाद’
अनिल परब ने कहा, ‘पिछले 15 दिनों से एसटी महामंडल के कर्मचारियों की हड़ताल शुरू थी. कर्मचारियों की मांग थी कि निगम को राज्य सरकार में विलय किया जाए और उन्हें राज्य सरकार का कर्मचारी बनाया जाए. लेकिन इस पर उच्च न्यायालय ने एक समिति गठित की हुई है. समिति अपनी रिपोर्ट सीएम उद्धव ठाकरे को देगी फिर उसे हाई कोर्ट को दिया जाएगा. उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार समिति जो भी रिपोर्ट देगी, सरकार उसे मानेगी. लेकिन इस बीच बस सेवा खंडित होने की वजह से आम लोगों और खास कर स्कूल कालेज जाने वाले विद्यार्थियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जब तक समिति की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक हड़ताल कोई विकल्प नहीं है. इसलिए मेरी कर्मचारियों से विनती है कि वे सैलरी में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को मानें.’
‘सुबह 8 बजे से कर्मचारी काम पर आएं, वरना होगी कार्रवाई’
परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि, ‘इस फैसले से हर महीने सरकारी खजाने में 60 करोड़ का बोझ बढ़ा है. इस तरह से साल में साढ़े सात सौ करोड़ का बोझ बढ़ा है. राज्य परिवहन निगम पिछले दो सालों से भारी नुकसान में है. हड़ताल की वजह से नुकसान और बढ़ गया है. अगर आमदनी बढ़ी तो कर्मचारियों को इंसेटिव देने पर भी सरकार सोच सकती है. इसलिए कर्मचारियों से विनती है कि सुबह 8 बजेे से काम पर लौटें. जो लोग दूसरे शहरों और जिलों से आए हैं उनको अपने जिले में पहुंचने में थोड़ा वक्त लगेगा, इसलिए वे अनुपस्थित रह कर भी अपनी हाजिरी लगा दें. अब भी अगर कर्मचारी काम पर नहीं लौटे तो सरकार के पास कड़ी कार्रवाई करने के सिवा और कोई चारा नहीं रह जाएगा.’
‘निलंबन और सेवा से बर्खास्तगी का निर्णय वापस लेने को तैयार है सरकार’
अनिल परब ने यह भी घोषणा कि जिन कर्मचारियों को हडताल के दौरान निलंबित कर दिया गया था, उनका निलंबन वापस ले लिया जाएगा. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्मचारियों की ओर से मध्यस्थता कर रहे बीजेपी नेता गोपीचंद पडालकर और सदाभाऊ खोत ने कहा कि हड़ताल खत्म करने पर आजाद मैदान में आज रात कर्मचारियों से चर्चा करेंगे और सुबह 11 बजे कर्मचारियों के निर्णय से मीडिया को अवगत करवाएंगे.