मुुंबई/दि.13– महाराष्ट्र विधानमंडल दोनों सदनों के कामकाज को पेपरलेस बनाने के लिए केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ई- विधान (नेवा)प्रणाली को लागू करेगा. राष्ट्रीय ई- विधान एक क्लाउड आधारित प्रणाली है. इसके जरिए सदन की कार्यवाही ऑनलाइन संचालित होती है. साथ ही एक पोर्टल पर पूरे देश के सदन के कामकाज को ऑनलाइन देखा जा सकेगा.
राष्ट्रीय ई- विधान को लागू करने के लिए महाराष्ट्र विधानमंडल और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के बीच मई महिने तक करार हो जाएगा. इसके बाद साल 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद अस्तित्व में आनेवाली 15 वीं विधानसभा गठन के बाद सदन में राष्ट्रीय ई- विधान प्रणाली का इस्तेमाल हो सकेगा. विधानमंडल सचिवालय के एक अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि फिलहाल राष्ट्रीय ई- विधान प्रणाली के इस्तेमाल के लिए डेमो शुरू है. हमारी इस प्रणाली के लिए एनआईसी के साथ मई महीने तक करार की योजना है. इस करार होने के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी. इसके बाद एनआईसी राज्य में राष्ट्रीय ई- विधान प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर देगा.
* एप्लीकेशन की कठिनाईयों को किया जाएगा दूर
अधिकारी ने कहा कि 14 वीं विधानसभा का फरवरी के बाद जुलाई महिने में आखरी मानसून अधिवेशन होगा. इसके बाद विधानसभा चुनाव होंगे. इसको देखते हुए हमने 15 वीं विधानसभा के गठन के बाद राष्ट्रीय ई-विधान लागू करने का लक्ष्य रखा है. अधिकारी ने कहा कि अभी महाराष्ट्र विधानमंडल में सदन के कामकाज की सूची, तारांकित व अतारांकित प्रश्न, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, आधे घंटे की चर्चा समेत अन्य प्रस्ताव विधायकों से ऑनलाइन मंगाए जाते है. इसके लिए महाराष्ट्र विधानमंडल ने अलग से एप्लीकेशन तैयार किया है. जबकि एनआईसी ने अपने अलग एप्लीकेशन बनाए हैं. इसलिए दोनों एप्लीकेशन के इस्तेमाल में आनेवाली कठिनाइयों को दूर किया जाएगा.
* गोवा और बिहार में हो रहा इस्तेमाल
अधिकारी ने कहा कि गोवा, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में राष्ट्रीय ई- विधान प्रणाली लागू है. महाराष्ट्र विधानमंडल की ओर से संबंधित राज्यों से संपर्क किया जा रहा है. इससे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उन्हें इस प्रणाली के इस्तेमाल के लिए क्या-क्या मुश्किले आ रही है ?
* लोस अध्यक्ष ने कहा था विधानमंडल को बनाओ डिजिटल
इससे पहले बीते 27 जनवरी 2024 को विधानमंडल में आयोजित अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधानमंडल का डिजिटलकरण करने के लिए कहा था. े एक राष्ट्र, एक विधायी पोर्टल की परिकल्पना पर अमल होने से विधानमंडलों के कामकाज में पारदर्शिता आएगी.