महाराष्ट्र

शिक्षा निर्देशांक के मामले में महाराष्ट्र टॉपर

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट से सामने आयी जानकारी

मुंबई दि.26 – समूची देश की शालाओं के कामकाज से संबंधित रिपोर्ट (परफॉरमेन्स ग्रेडींग इंडेक्स) केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई है. जिसमें महाराष्ट्र ने अव्वल स्थान हासिल किया है. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, लोकसंख्या एवं राज्य के भौगोलिक विस्तार को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र राज्य का शैक्षणिक प्रदर्शन व कामकाज सबसे अव्वल रहने की बात केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में कही गयी है.
नैशनल अचिव्हमेंट सर्वे (National Achievement Survey), यू डायस प्लस (UDISE+), एमडीएम (MDM) तथा शगुन पोर्टल (Shagun Portal) के माध्यम से शालाओं से संबंधित आंकडे जमा करते हुए पीजीआय इंडेक्स घोषित किया जाता है. जिसमें विद्यार्थियोें की गुणवत्ता, शिक्षकों की संख्या, अध्ययन का अपडेशन, शालाओं की भौतिक सुख-सुविधाएं, प्रयोगशाला व क्रीडांगण ऐसे करीब 70 मानकों के आधार पर 1 हजार अंक दिये जाते है. वर्ष 2017-18 में महाराष्ट्र ने 1 हजार में से 700 अंक हासिल करते हुए तीसरा स्थान प्राप्त किया था. वहीं वर्ष 2018-19 में 800 अंक हासिल करते हुए प्रथम श्रेणी प्राप्त की. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि इन 70 मानकों के आधार पर चंदीगढ, गुजरात व केरल इन राज्यों ने 800 से अधिक अंक हासिल किये है. किंतु राज्यों का भौगोलिक विस्तार तथा वहां की जनसंख्या का विचार करते हुए चंदीगढ को 31, गुजरात को 9, केरल को 13 तथा दिल्ली को 19 वीं रैंक मिली है और महाराष्ट्र को दूसरा स्थान प्राप्त होने की जानकारी इस रिपोर्ट में दी गई है. वहीं इसी पध्दति से अरूणाचल प्रदेश को 28, मेघालय को 24, नागालैंड को 26 व मणिपुर को 25 वीं रैंक दी गई है.
इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, पीजीआय के 70 मानकोें में सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहनेवाले शाला की भौतिक सुख-सुविधा व इमारत इस मानक में महाराष्ट्र ने समूचे देश में प्रथम स्थान हासिल किया है और इस श्रेणी में महाराष्ट्र से बेहद कम भौगोलिक क्षेत्र व जनसंख्या रहनेवाले दिल्ली राज्य ने भी समान स्थान प्राप्त किया है..

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