महाराष्ट्र

बीजेपी पर क्यों भड़के संजय राउत?

कर्नाटक की जीत पर पेड़े बांटने वालों को कहा महाराष्ट्र के गद्दार

मुंबई/दि.6 – सोमवार को कर्नाटक के बेलगाम महापालिका का चुनाव परिणाम आया. इस चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिला. महाराष्ट्र एकीकरण समिति को सिर्फ 3 सीटों से संतोष करना पड़ा. इस पर शिवसेना सांसद संजय राउत महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत पर खुशी मनाने वालों पर जम कर बरसे. उन्होंने कहा कि ‘शर्म नहीं आती आपको? महाराष्ट्र एकीकरण समिति की हार पर जश्न मना रहे हो? बेलगाम में मराठियों की हार पर पेड़े बांट रहे हो? महाराष्ट्र के इतिहास में लोगों ने ऐसे गद्दारों को नहीं देखा होगा.’
इस पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने पलटवार किया है. चंद्रकांत पाटील ने कहा कि, ‘जब चुनाव में परिणाम उनके पक्ष में आते हैं तो ईवीएम अच्छा है और जब नतीज़ा हक़ में नहीं आता तो ईवीएम में उन्हें घोटाला दिखाई देता है. यह उनका स्वभाव है.’ बता दें कि बेलगाम कर्नाटक का वो इलाका है जो महाराष्ट्र की सीमा में पड़ता है. वहां मराठी भाषी लोगों की बड़ी तादाद है. वहां महाराष्ट्र एकीकरण समिति बेलगाम को महाराष्ट्र के साथ जोड़ने की पक्षधर है. महाराष्ट्र और कर्नाटक का यह सीमा विवाद बहुत पुराना है. शिवसेना लगातार महाराष्ट्र एकीकरण समिति को अपना समर्थन देती हुई आई है.
इस मौके पर जब मीडिया ने उनसे सवाल किया कि सोशल मीडिया में यह वाक्य ट्रेंड कर रहा है कि ‘बेलगाम तो झांकी है, मुंबई अभी बाकी है’, इस पर क्या कहना है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने इस सवाल पर कहा, ‘बेलगाम झांकी है कि नहीं यह मालूम नहीं, लेकिन मुंबई बाकी है, यह तो पक्का है. हैदराबाद के चुनाव के वक़्त भी हम आंकड़ा 1-2 नगरसेवक से 51 पर ले गए. उसी तरह से हम मुंबई में भी लड़ेंगे.’

संजय राउत ने कहा था कि बेलगाम का चुनाव परिणाम हैरान करने वाला है. कम से कम 22 से 23 सीटों पर महाराष्ट्र एकीकरण समिति को जीत मिलनी ही चाहिए थी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. 36 सीटें लेकर बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला है.
संजय राउत ने कहा था कि,’ बेलगाम को महाराष्ट्र में लाने के लिए सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई. बाला साहब जेल गए थे. और उसी बेलगाम में मराठियों की हार पर आपलोग पेड़े बांट रहे हैं? शर्म नहीं आती आपलोगों को? जश्न मनाते हुए और पेड़े बांटते हुए मराठी होने के नाते आपको शर्म आनी चाहिए.’ उन्होंने बेलगाम पर महाराष्ट्र एकीकरण समिति की हार पर ख़ुश होने वालों को महाराष्ट्र का गद्दार बताया.

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