सातारा/दि.११ – मराठा समाज की समस्याओं को लेकर सरकार कभी भी गंभीर नहीं थी. जिसके परिणाम मराठा समाज को भुगतने पड़ रहे है. सरकार ने तत्काल एक आदेश पारित कर मराठा आरक्षण को बरकरार रखना चाहिए अन्यथा परिणामों को भुगतने के लिए तैयार रहना रहे.यह निशाना सांसद उदयन राजे भोसले ने सरकार पर साधा है. उदयन राजे भोसले ने अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा कि मराठा समाज अब अकेला नहीं है.इससे पहले मराठा आरक्षण का मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा. फिर भी वहां पर आरक्षण को बरकरार रखा जा सका है. लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से झटका लगा है. केवल राज्य सरकार की लापरवाही से ही मराठा समाज पर यह बुरा समय आया है. महाराष्ट्र सरकार ५० फीसदी से अधिक आरक्षण देने के लिए कोई भी पहलू सिध्द कर पाने में विफल साबित हुई है. इन कडे शब्दों में उदयन राजे भोसने महाविकास आघाडी सरकार को ा कटघेरे में लिया. सांसद उदयन राजे ने बताया कि सरकार किसी भी पार्टी की हो यह सभी की जिम्मेदारी है. सर्वोच्च न्यायालय के मराठा आरक्षण के मामले में अंतरिम आदेश यह मानो अंतिम आदेश ही है. यही दृश्य निर्माण किया गया है. सर्वोच्च न्यायालय ने मराठा आरक्षण को स्थगिति दिए जाने से समाज का विकास कार्य प्रभावित हुआ है. सरकार ने यदि समाज को भरोसे में लेकर उचित कार्यवाही की गई होती तो मराठा आरक्षण को बरकरार रखा जा सकता था. जब तक सर्वोच्च न्यायालय का अंतिम फैसला नही आता तब तक मराठा समाज के छात्रों की सहूलियतों के अलावा नौकर भर्ती का आरक्षण बरकरार रखने के लिए सरकार ने तत्काल अध्यादेश निकालना चाहिए अन्यथा आगे आनेवाले परिणामों को भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए.