नागपुर/दि.25– मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अकोला जिले के पांच किसानों के खेत में जाने वाले रास्ते का अधिकार कायम रखते हुए किसानों के खिलाफ दाखिल की गई याचिका रद्द की. जिसमें किसन तायडे, प्रल्हाद थेटे, अंबिका तायडे, अमोल तायडे व सुनिल सावलकर को बडी राहत मिली.
इन किसानों को बोरगांव मंजु स्थित अपने खेत में जाने के लिए एकमेव रास्ता है. यह सभी किसान साल 2005 से अपने खेत में जाने इसी रास्ते का इस्तेमाल कर रहे थे. इसी दौरान 2021 में रुपम बिसेन ने इसी परिसर में एक जमीन की खरीदी कर किसानों का रास्ता बंद कर दिया था. इन पीडित किसानों ने नायब तहसीलदार को आवेदन किया. आवेदन 4 जुलाई को मंजूर हुआ और रास्ते को खुला किए जाने के निर्देश दिए. इसके बाद बिसेन व्दारा उपविभागीय अधिकारी को दिया गया रिविजन आवेदन भी 30 सितंबर 2024 को नामंजूर किया गया. उसके पश्चात बिसेन ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एन. आर. बोरकर ने रिकॉर्ड की जांच