गडबडी पर ‘ई-एसएमएस’ की देखरेख
लोकसभा में पहलीबार ही उपयोग ; आर्थिक व्यवहार के लिए क्यूआर कोड
नागपुर/ दि. 13- लोकसभा चुनाव के समय कुछ अवैध कार्य न हो, इसके लिए इस बार शुरूआत में ही ई-एसएमएस यानी (इलेक्शन सिझर मैनेजमेंट सिस्टीम) का उपयोग किया जायेगा. शासन के 22 विभाग नोडल एजन्सी के रूप में कार्य करेंगे. बैंक से होनेवाले पैसे के आवागमन के लिए क्यूआर कोड निर्माण किया जायेगा. पारदर्शकता बढाने के लिए इस अत्याधुनिक तंत्रज्ञान का उपयोग किए जाने का जिला चुनाव शाखा की ओर से बताया गया है.
चुनाव में खर्च होनेवाले पैसे व शराब का उपयोग रोकने के लिए यह यंत्रणा प्रभावी रूप से काम करेगी. आयटी, एफडी, उत्पादन शुल्क , डीआरआय (डायरेक्टर ऑफ रेव्हेन्यु इंटेलिजन्स) हवाई अड्डा, नार्कोटिक्स, कस्टम, पुलिस, रेलवे, राज्य परिवहन, जीएसटी जैसे 22 विभाग नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेंगे.
मार्गदर्शक तत्व का उल्लंघन होने का ध्यान में आते ही नोडल अधिकारियों के माध्यम से ई-एसएमएस प्रणाली पर यह सभी जानकारी अपलोड की जायेगी.
-भरारी पथक की कार्रवाई की जानकारी इस प्रणाली पर डाली जायेगी. मुख्य चुनाव अधिकारी और चुनाव आयोग को यह जानकारी तत्काल पहुंचेगी.
-कार्रवाई का समय बचे और पारदर्शकता आए, इसके लिए यह प्रणाली काम करेगी. ऐसा प्रशासन की ओर से कहा गया है.
– यह प्रणाली में 700 बैंक का सहभाग रहेगा. बैंक से एटीएम अथवा अन्य बैंक में पैसे ले जाने पर इसके लिए क्यूआर कोड निर्माण होगा.
– भरारी पथक द्बारा यह वाहन पकडने पर उस क्यूआर कोड के माध्यम से सभी जानकारी मिलेगी. अतिरिक्त पैसे दिखाई दिए जाने पर उस पर कार्रवाई की जायेगी, ऐसा प्रशासन ने बताया.
– जिलाधिकारी कार्यालय के बचत भवन सभागृह में अधिकारियों को इस संबंध में प्रशिक्षण दिया गया. जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौम्या शर्मा, निवासी उपजिलाधिकारी अनूप खांडे, उपजिला चुनाव अधिकारी प्रवीण महिरे, सावनेर के उपविभागीय अधिकारी संपक खलाटे, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के उपसंचालक राजेंद्र हटवार, महाआयटी के अधिकारी उमेश घुगुसकर तथा संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस समय उपस्थित थे.
सी व्हिजिल का भी लक्ष्य
– चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शकता आए, इसके लिए सी व्हिजिल अॅप के माध्यम से नागरिकों को भी शामिल कर लिया जा रहा है.
– आचार संहिता भंग होने पर नागरिक इस अॅप के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते है.
– मद्य पार्टी अथवा अन्य गैर व्यवहार के माध्यम से होनेवाली आचार संहिता भंग होने की शिकायत की जा सकेगी.
– ऑनलाइन शिकायत करने के बाद स्थानीय अधिकारियों की जीपीएस पर यह शिकायत दिखेगी. लोकेशन पता लगने पर भरारी पथक को कार्रवाई करने में आसानी होगी. इस कार्रवाई की रिपोर्ट मुख्य चुनाव अधिकारी को भेजी जायेगी. ऐसा प्रशासन की ओर से बताया गया.