मैत्रेय घोटालाः 45 हजार निवेशकों से 70 करोड रुपये की घोखाधडी
हाईकोर्ट ने ईओडब्ल्यू से पुछा
* 31 थानों में दर्ज मामले की जांच एक साथ कर सकते है
* 8 जून तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
मुंबई/दि.22– बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य में 45 हजार निवेशकों से 70 करोड रुपये से अधिक के मैत्रेय घोटाला मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से 8 जून तक हलफनामा मांगा है. मैत्रेय घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक विजय शंकर तावरे ने अफनी याचिका के जरिए राज्य के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज सभई एफआईआर की एक साथ जांच करने की मांग ही है. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील ने सूचित किया है कि मैत्रेय गु्रप की कंपनियों के कथित घोटाले के खिलाफ मुंबई समेत राज्य भर के 31 पुलिस स्टेशनों में एफआईआर दर्ज की गई है. ऐसे ही एक मामले की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है. वकील ने कहा कि ईओडब्ल्यू को सारे पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामलों की जांच सौंपी जाए. जिससे जांच जल्द पूरी हो सके. खंडपीठ ने ईओडब्ल्यू से पूछा है कि क्या वह सभी 31 पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामले की एक साथ जांच कर सकते है?
सबसे अधिक शिकार हुई महिलाएं
मैत्रेय गु्रप की कंपनियों ने मुंबई, ठाणे, पुणे, नाशिक, नागपुर, वर्धा, बीड और अकोला समेत राज्य भर में लोगों को निवेश करने पर 11 फीसदी ब्याज देने का लालच देकर करोडों रुपये इकठ्ठा किए. मामले में निवेशकों ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों में मैत्रेय सर्विसेज, मैत्रेय प्लाटर्स एंड स्ट्रक्चर्स, मैत्री सर्विसेज, मैत्रेय प्लाटर्स एंड स्ट्रक्चर्स, मैत्री रियल्टर्स एंड कन्सट्रक्शन और मैत्रेय सुवर्णसिध्दी प्राइवेट लिमिटेड समेत अन्य कंपनियों के प्रमोटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. मैत्रेय घोटाले की सबसे अधिक शिकार महिलाएं हुई है.