मुंबई./दि.९ – राज्य में डाटासेंटर, इलेक्ट्रिकल वेइकल स्टेशन जैसे नए औद्योगिक निवेषक आ रहे है. वहीं नागपुर-मुंबई समृद्धी महामार्ग, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर और कोस्टल हाइवे जैसे नए महामार्ग बांधे जा रहे है. इसी पृष्ठभूमि पर बिजली की डिमांड भी बढने वाली है. इस बात को ध्यान में रखते हुए वर्ष २०३० तक बिजली पारेषण का प्रारुप तैयार करने के निर्देश ऊर्जामंत्री नितिन राउत (Energy Minister Nitin Raut) ने दिए है. हाल ही में ऊर्जा विभाग अंतर्गत राज्य प्रेषण केंद्र की बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में वे बोल रहे थे. राज्य स्तर पर बिजली यंत्रणा का जाल बिछाने का नियोजन है, इसलिए वैज्ञानिक दृष्टि से ज्यादा काम करना एसटीयू को पडेगा. खामिया दूर कर दीर्घकालिन नियोजन करना पडेगा. वर्ष २०३० तक बिजली की जरुरत और वह पहुंचाने के लिए पारेषण टीम की आवश्यकता पडेगी. इसलिए एक प्रारुप तैयार किया जाए, आधुनिक स्कॉड तैयार करने के आदेश राउत ने दिए. निजी कंपनी की ओर से आने वाले प्रस्तावों की विश्वस्तता और जरुरत को जानकार यह प्रस्ताव बिजली नियामक आयोग के पास पेश किए जाए. एमएमआरडीए, एमआयडीसी, सिडको आदि संस्थाओं को साथ में लेकर बिजली की डिमांड और तैयारियों का मेल मिलाप घोलने की सूचना दी गई.