दिसंबर से रोजाना होगी मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई
४०० में से १४० गवाहों के बयान दर्ज
मुंबई/दि.२६ – मालेगांव बम धमाके के मामले में आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित की याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगने वाले पीडित के आवेदन पर २७ नवंबर २०२० को बॉम्बे हाईकोर्ट में फैसला सुनाया जाएगा. वहीं, निचली अदालत में दिसंबर २०२० से इस प्रकरण के मुकदमें की सुनवाई रोजाना शुरु हो सकती है. धमाके के पीडित निसार अहमद बिलाल ने कोर्ट में संबंधित आवेदन दायर किया है. जिस पर बुधवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई.
इस दौरान आरोपी पुरोहित की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता नीला गोखले ने कहा कि, मेरे मुवक्किल ने अपनी याचिका में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने को दी गई मंजूरी को चुनौती दी है, इसलिए इस याचिका में किसी को हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. वहीं पीडित की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता बीए देसाई ने कहा कि, उनके मुवक्किल के पास कानूनी रुप से इस मामले में हस्तक्षेप का अधिकार है. इस पर खंडपीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता संदेश पाटील से इस प्रकरण के मुकदमे की स्थिति को लेकर सवाल किया. जवाब में पाटील ने कहा कि, इस मामले में ४०० में से १४० गवाहों की गवाही हो चुकी है. संबंधित न्यायाधीश के स्थानांतरण के चलते सुनवाई टल गई थी. वहीं नए न्यायाधीश ने कोरोना के चलते अपना प्रभार स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि, दिसंबर से मामले की सुनवाई रोजाना शुरु हो सकती है. इस पर खंडपीठ ने कहा कि, हम पीडित के आवेदन पर २७ नवंबर को अपना फैसला सुनाएंगे. खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई ३ दिसंबर २०२० तक के लिए स्थगित कर दी है.