दीपावली के बाद ही फूटेंगे मनपा व जिप के चुनावी पटाखे
बारिश के मौसम में चुनाव करवाना रहेगा मुश्किल
* राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रतिज्ञापत्र को लेकर जारी किया स्पष्टीकरण
मुंबई/दि.29– गत रोज खबर सामने आयी थी कि, राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य की कार्यकाल खत्म हो चुकी 22 महानगरपालिका सहित जिला परिषदों, नगरपालिकाओं व पंचायत समितियों के चुनाव जून या जुलाई माह में करवाने के लिए पूरी तैयारियां रहने को लेकर हाईकोर्ट में हलफनामा पेश किया गया है. किंतु इस खबर को पूरी तरह से गलत बताते हुए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कहा गया है कि, आयोग की ओर से पेश किये गये हलफनामे मेें ऐसी कोई भी बात नहीं कही गई है, बल्कि आयोग द्वारा अपने हलफनामे में कहा गया है कि, बारिश के मौसम दौरान चुनाव करवाने में काफी दिक्कतें आ सकती है. अत: या तो बारिश का मौसम शुरू होने से पहले चुनाव करवाये जाये, या फिर इसके लिए बारिश का मौसम बीत जाने के बाद समय तय किया जाये. ऐसे में यह स्पष्ट है कि, अब राज्य में स्थानीय स्वायत्त निकायों की चुनावी आतिशबाजी अक्तूबर-नवंबर माह में दीवाली बीत जाने के बाद ही दिखाई देगी. क्योंकि बारिश का मौसम शुरू होने से पहले स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव करवाना किसी भी हाल में संभव नहीं है.
बता दें कि, विगत 23 अप्रैल को कोल्हापुर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की परिवार संवाद यात्रा के समापन अवसर पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा था कि, सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई हो रही है. इसमें यदि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाया जाता है, तो राज्य सरकार को तुरंत ही स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव करवाने पडेंगे. अत: राकांपा नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओें ने अभी से चुनाव की तैयारियों में लग जाना चाहिए. ऐसे में माना जा रहा था कि, आगामी डेढ-दो माह के भीतर राज्य में स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव की गहमा-गहमी दिखाई दे सकती है, लेकिन 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में इस विषय पर कोई सुनवाई नहीं हुई और अब आगामी 4 मई को होने जा रही है. यदि 4 मई को ओबीसी आरक्षण के पक्ष में फैसला आता भी है, तो राज्य सरकार व निर्वाचन आयोग को चुनावी तैयारियां पूर्ण करते हुए चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए कम से कम 40 से 50 दिन के समय की जरूरत पडेगी. ऐसे में तब तक जून माह आ जायेगा और मान्सून की आमद होकर बारिश का मौसम शुरू हो जायेगा. इस बात के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा हाईकोर्ट में पेश किये गये हलफनामे में यह कहा गया है कि, अगर बारिश का मौसम शुरू होने से पहले चुनाव करवाये जाते, तो आयोग की ओर से तमाम तैयारियां पूरी थी, लेकिन बारिश के मौसम दौरान चुनाव करवाना काफी दिक्कतों व मुश्किलों से भरा रह सकता है. अत: अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बारिश के मौसम पश्चात अक्तूबर या नवंबर माह में चुनाव करवाये जाने को लेकर विचार किया जाना चाहिए. जिसका साफ मतलब यह है कि, अदालती फैसले के बाद ही निर्वाचन आयोग जून से सितंबर माह के दौरान चुनाव करवाने की मानसिकता व तैयारी में नहीं है. अत: महाराष्ट्र में चुनावी पटाखे दीपावली के बाद ही फूटते दिखाई देंगे.
* सुनवाई टलने से चुनाव टले
ज्ञात रहें कि, ओबीसी आरक्षण की याचिका पर 7 अप्रैल को ही सुनवाई होनेवाली थी. यदि उसी दिन सुनवाई पूर्ण होकर अदालत का फैसला आ जाता, तो जून माह तक चुनावी प्रक्रिया को पूर्ण कर लेना पूरी तरह से संभव था. किंतु अब इस मामले को लेकर सुनवाई मई माह में होने जा रही है और यदि 4 मई को भी कोई अंतिम फैसला आता है, तो जून-जुलाई माह के दौरान होनेवाली बरसात के समय चुनाव करवाना बिल्कुल भी संभव नहीं रहेगा, क्योेंकि इस दौरान राज्य में मुंबई व कोंकण जैसे तटिय इलाकों के साथ विभिन्न इलाकों में अच्छी-खासी बारिश होती है.
कार्यकाल खत्म हो चुकी व जून माह तक कार्यकाल खत्म होनेवाली मनपा
अमरावती, अकोला, नागपुर, चंद्रपुर, नांदेड, परभणी, लातूर, औरंगाबाद, कोल्हापुर, पुणे, पिंपरी-चिंचवड, ठाणे, भिवंडी-निजामपुर, मुंबई, नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली, मिरा-भाईंदर, उल्हासनगर, वसई-विरार, पनवेल, मालेगांव.
* कितनी स्वायत्त संस्थाओं में होने है चुनाव
मनपा – 22
जिला परिषद – 25
पंचायत समिती – 275
नगर पालिका – 210