मनपा चुनाव बहुसदस्यीय प्रभाग प्रणाली से
सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिये सभी आक्षेप
* 4 सदस्यों वाले होगे प्रभाग
मुंबई./दि.6 – मुंबई मनपा को छोडकर प्रदेश की 22 महानगरपालिका चुनाव में बहुसदस्यीय प्रभाग रचना रहेगी. जिसमें प्रत्येक प्रभाग में 3 या 4 सदस्य हो सकते हैं. 2 से कम सदस्य नहीं होगे. यह बात सोमवार को सर्वाच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायामूर्ति अभय ओक की खंडपीठ ने दिये निर्णय से स्पष्ट हो गई. खंडपीठ ने बहुसदस्यीय प्रभाग प्रणाली को आवाहन देने वाली सभी याचिकाएं निरस्त कर दी. इन याचिकाओं में राज्य सरकार पर राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित और संविधान व कानून के तत्वों के विरुद्ध होने का आरोप किया गया था. बता दें कि, बंबई उच्च न्यायालय की खंडपीठ के न्यायमूर्ति अमजद सैय्यद और न्यायमूर्ति अभय आहूजा ने भी बहुसदस्यीय प्रभाग प्रणाली के पक्ष में निर्णय दिया था. उनके फैसले को संदीप पाटील ने एड. संदीप सिंग के जरिए सर्वाच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
* 6 मई को दिया फैसला कायम
बंबई उच्च न्यायालय ने गत 6 मई 2022 को इस बारे में फैसला सुनाया था. अदालत ने कहा था कि, राज्य सरकार को संविधान के प्रावधानों के अनुसार प्राप्त अधिकार अंतर्गत चुनाव कानून में किये गये परिवर्तन का अधिकार हैं. कानून में संशोधन वैध हैं. कोर्ट में प्रत्येक प्रभाग में केवल एक नगर सेवक की बजाय 3 नगर सेवक (2 से कम नहीं और 4 से अधिक नहीं) के शासन के निर्णय को वैध माना गया था. सरकार के अध्यादेश व कानून को संदीप पाटील ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर तथा तन्मय कानिटकर, मारुती भापकर ने रिट याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी.
* अनेक दिनों तक सुनवाई
न्या. सैयद और न्या. आहूजा के खंडपीठ ने सभी याचिकाओं पर अनेक दिनों तक सुनवाई ली. दोनों पक्षों को सुनने पश्चात खंडपीठ ने सभी याचिका नामंजूर कर दी. फैसले में कहा कि, संविधान में सरकार को अधिकार है, उसी के तहत कानून में संशोधन कर मनपा प्रभाग प्रणाली बहुसदस्यीय की गई हैं.
* क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
उच्च न्यायालय के निर्णय को ललकारने वाली संदीप पाटील की अपील सर्वोच्च न्यायालय ने ठुकरा दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, उच्च न्यायालय के निर्णय में हस्तक्षेप करने वह (सुप्रीम कोर्ट) अनुकूल नहीं हैं.
* सरकार ने जारी किया था अध्यादेश
राज्य सरकार ने महाराष्ट्र मनपा कानून 1949 की धारा 5 (3) के प्रोव्हायजो में 30 सितंबर 2021 को अध्यादेश जारी किया था. फिर 17 जनवरी 2022 को अध्यादेश का कानून में रुपांतर कर संशोधन किया. जिसके मुताबिक मुंबई मनपा छोडकर अन्य सभी मनपा में प्रत्येक प्रभाग से एक से अधिक नगरसेवक चुने जाने की पद्धति लागू की गई हैं. प्रभाग कम से कम 2 और अधिकतम 4 नगरसेवकों को रहेंगे.
* ठुकराई यह दलील
कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि, राज्य सरकार ने राजनीतिक उद्देश्य से एक सदस्यीय प्रणाली को बहुसदस्यीय प्रणाली में रुपांतरीत किया. अदालत ने यह आरोप खारिज कर दिया. जिससे महाराष्ट्र सरकार अब मनपा चुनाव लेने के लिए खुली हो गई हैं. प्रदेश की अधिकांश मनपा का कार्यकाल पूर्ण हो गया हैं. वहां फिलहाल प्रशासक राज चल रहा हैं. ओबीसी आरक्षण की मांग के कारण भी चुनाव मुल्तवी हुए थे.