महाराष्ट्र

तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति से ही होंगे मनपा के चुनाव

मंत्रिमंडल की बैठक में सीएम उध्दव ठाकरे ने किया स्पष्ट

मुंबई/दि.29 – गत रोज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि, मुंंबई को छोडकर राज्य के अन्य सभी महानगरपालिकाओं के चुनाव में तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति को ही अमल में लाया जायेगा और सरकार इसमें किसी तरह का कोई फेरबदल नहीं करने जा रही. इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि, दो सदस्यीय प्रभाग पध्दति करने को लेकर कांग्रेस द्वारा की जा रही मांग को राज्य सरकार द्वारा अमान्य कर दिया गया है.
बता दें कि, मंत्रिमंडल की पिछली बैठक के दौरान मुंबई मनपा छोडकर राज्य के अन्य सभी मनपा क्षेत्रों में तीन सदस्यीय, नगर पालिका व नगर परिषदों में दो सदस्यीय तथा नगर पंचायतों में एक सदस्सीय प्रभाग पध्दति के जरिये चुनाव करवाये जाने का निर्णय लिया गया था. जिसके बाद राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात व उर्जा मंत्री नितीन राउत ने मनपा चुनाव के लिए दो सदस्यीय प्रभाग पध्दति किये जाने की मांग मंत्रिमंडल में उठाये जाने की बात कही थी. साथ ही विगत एक सप्ताह के दौरान हुई प्रदेश कांग्रेस की बैठक में दो सदस्यीय प्रभाग किये जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया था.
इस संदर्भ में गत रोज ही मंत्रिमंडल की बैठक में सीएम उध्दव ठाकरे ने कहा कि, इससे पहले चार सदस्यीय व दो सदस्यीय प्रभाग पध्दति को लेकर अलग-अलग मांगे उठ रही थी. जिसमें से मध्यम मार्ग निकालते हुए सरकार द्वारा तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति का पर्याय चुना है और सरकार का यहीं फैसला अब कायम रहेगा. सीएम उध्दव ठाकरे द्वारा इसे लेकर अपना पक्ष स्पष्ट किये जाने के बाद सरकार में शामिल दलों के मंत्रियों व नेताओं द्वारा अब अलग से अपनी कोई भूमिका जाहीर नहीं की गई है. साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि, मुंंबई मनपा क्षेत्र छोडकर राज्य की अन्य सभी महानगरपालिकाओें में तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति से ही चुनाव करवाये जायेंगे. ऐसे में प्रभाग की सदस्य संख्या को लेकर चल रहा संभ्रम अब खत्म कहा जा सकता है.

  • स्वास्थ्य महकमे को लेकर दिखी तीव्र नाराजी

ऐन समय पर सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की परीक्षा को रद्द किये जाने के संदर्भ में मंत्रिमंडल की बैठक में तीव्र नाराजी व्यक्त की गई और दो वरिष्ठ मंत्रियों ने खुले तौर पर अपनी नाराजगी जताई. साथ ही खुद सीएम उध्दव ठाकरे ने भी कहा कि, नियोजन का अभाव रहने की वजह से परीक्षा रद्द किये जाने के चलते सरकार की प्रतिमा मलीन हुई है.

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