मुंबई/दि.२४ – राष्ट्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक सचिन वझे के पर्सनल ड्राइवर ने जो बयान दिया है उससे वझे के ऊपर कानूनी शिकंजा और कस सकता है. वझे के ड्राइवर द्वारा NIA को दिए गए बयान के मुताबिक मनसुख हिरेन की स्कोर्पियो गाड़ी 17 फरवरी की रात कहीं भी गायब नहीं हुई थी बल्कि उस समय वो गाड़ी वझे के पास थी. 20 फरवरी को ये स्कार्पियो कार मुंबई पुलिस के हेडक्वार्टर में खड़ी की गई थी. सचिन वझे का ड्राइवर ही इसे चलाकर वहां ले गया था.
अपने बयान में वझे के ड्राइवर ने ये भी बताया कि 20 फरवरी से लेकर 25 फरवरी के बीच इस स्कोर्पियो कार को मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर से बाहर निकाल कर वापस पार्क किया गया. गौरतलब है कि अब तक सचिन वझे के तीन पर्सनल ड्राइवरों का बयान हृढ्ढ्न रिकॉर्ड कर चुकी है. इन वाहन चालकों में एक पर्सनल ड्राइवर जो स्कोर्पियो कार ड्राइव कर रहा था, उसके बयान से ये बात साफ हो चली है कि मनसुख की स्कोर्पियो कार चोरी होने वाली बात पूरी तरह गलत है.
इस बीच NIA की टीम उस महिला को खोज रही है जो 16 से 20 फरवरी के बीच सचिन वझे के साथ साउथ मुंबई के फाइव स्टार होटल में जाते हुए देखी गई थी.
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NIA कोर्ट को दी गई जानकारी
जांच एजेंसी ने NIA कोर्ट को बताया है कि सचिन वझे की साथ क्राइम ब्रांच में काम करने वाले एपीआई रियाजुद्दीन काजी सरकारी गवाह बनकर सचिन वझे के खिलाफ गवाही देने को तैयार हैं. रियाजुद्दीन काजी ही वो शख्स था जिसने 27 फरवरी को ठाणे में मौजूद सचिन वझे की सोसाइटी को लेटर लिख कर सोसाइटी के सारे CCTV अपने कब्जे में ले लिए थे. रियाजुद्दीन काजी ने सोसाइटी को बताया था कि 25 फरवरी के स्कोर्पियो कार मामले में सचिन वझे की इस सोसाइटी के CCTV फुटेज उनकी जांच का हिस्सा है, और बाद में इन तमाम CCTV सबूतों को नष्ट कर दिया गया था.
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गृह मंत्री से मिले मुंबई पुलिस कमिश्नर नगराले
मुंबई के घटनाक्रम को लेकर एक साथ कई मोर्चों पर गहमागहमी जारी है. इस बीच मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. बैठक करीब तीन घंटे चली इस मीटिंग में प्रदेश के डीजी रजनीश सेठ भी मौजूद रहे. इस दौरान गृह मंत्री ने अधिकारियों से सूबे के मौजूदा हालात और हाल में किए फेरबदल पर भी चर्चा की.
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ATS बंद करे मनसुख केस की जांच कोर्ट
ठाणे कोर्ट के आदेश के बाद मनसुख मर्डर केस में गिरफ्तार दोनों आरोपियों विनायक शिंदे और नरेश गौर को NIA को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. दोनों आरोपियों का मेडिकल चेकअप कराने के लिए उन्हें ठाणे के कलवा हास्पिटल लाया गया है. जांच के बाद दोनों को NIA के हवाले कर दिया जाएगा. इससे पहले NIA ने ठाणे कोर्ट में अर्जी दी थी कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से कुछ दिन पहले ही केस के ट्रांसफर का आर्डर आने के बावजूद ना तो दस्तावेज सुपुर्द किए गए है और ना ही ATS की तरफ से सहयोग मिल रहा है. इसी पर कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए सारे दस्तावेज और आरोपियों को NIA के हवाले करने का आदेश दिया था.