संवैधानिक खंडपीठ के सामने मराठा आरक्षण की सुनवाई होनी चाहिए
मंत्री अशोक चव्हाण की जानकारी
औरंगाबाद प्रतिनिधि/दि.२७ – मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) को स्थगिति दिए जाने के बाद नागेश्वरराव की अध्यक्षता में खंडपीठ की बजाय संवैधानिक खंडपीठ का गठन कर वहां मराठा आरक्षण की सुनवाई होनी चाहिए. यह सरकार की भूमिका होनी की जानकारी सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री व मराठा आरक्षण उपसमिति अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने पत्रकारों को दी. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में मराठा आरक्षण को लेकर सुनवाई होने वाली है. न्यायाधीश नागेश्वारराव की अध्यक्षता में तीन न्यायधीशों की खंडपीठ में मराठा आरक्षण को अंतरिम स्थगिति देते हुए यह मामला पांच न्यायधीशों के खंडपीठ के पास सौंपा था. न्यायधीश नागेश्वरराव की खंडपीठ के सामने मामले को लेकर क्या सुनवाई होगी इस ओर निगाहें टकी हुई है. मंत्री चव्हाण ने बताया कि इस मामले की सुनवाई तीन न्यायधीशों के खंडपीठ के पास ना कराते हुए पांच न्यायधीशों के खंडपीठ के सामने किए जाने की मांग सरकार की है. विविध संगठनाओं व नेताओं में इससे दुविधा बनी हुई है. भाजपा नेता नारायण राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) पर की गई टिप्पणी पर चव्हाण ने कहा है कि इस पर ज्यादा भाष्य नहीं किया जाएगा. हाल में उनके द्वारा किए जाने वाली टिका की दखल लेना उचित नहीं है.