महाराष्ट्र

पुलिस और शिक्षक भर्ती में मराठा आरक्षण लागू होगा

10 प्रतिशत मराठा आरक्षण को मुख्य न्यायालय में चुनौती

मुंबई /दि. 2– राज्य के आगामी पुलिस और शिक्षक भर्ती में मराठा आरक्षण लागू होने की घोषणा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार 1 मार्च को की. उन्होंने कहा कि, उनकी सरकार में काफी जल्द यह आरक्षण दिया और इसका तत्काल लाभ मिलना शुरु हो गया है. यह आरक्षण टिकाऊ है.
मराठा आरक्षण कैसे टिकेगा इसके कारण हमारे पास है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की आरक्षण देने की प्रामाणिकता उन्होंने देखी है. कुछ लोगो ने टार्गेट करने का प्रयास करते है. लेकिन उन्होंने मराठाओंको आरक्षण दिया. जो उच्च न्यायालय में निश्चित रुप से टिकेगा. दुर्भाग्यवश सरकार बदल गई और वह सर्वोच्च न्यायालय में टिक नहीं पाया. इसे कौन जिम्मेदार है, ऐसा सवाल उन्होंने विधानसभा में अंतिम सप्ताह में प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा.
* उच्च न्यायालय में याचिका पर जल्द सुनवाई?
– मराठा समाज को सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछडे प्रवर्ग में सरकारी नौकरी और शिक्षण में 10 प्रतिशत आरक्षण देने बाबत राज्य सरकारने विधानसभा में मंजूर किए कानून को चुनौती देनेवाली याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई है. जल्द ही इस याचिका पर सुनवाई होने की संभावना है.
– 20 फरवरी को मंजूर किए कानून की 26 फरवरी को अधिसूचना निकाली गई. यह कानून सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सुनील बी. शुक्रे के नेतृत्व में राज्य पिछडा वर्ग आयोग की रिपोर्ट पर आधारित रहकर राज्य सरकार ने कानून तैयार किया. इस कानून को एड. जयश्री पाटिल ने चुनौती दी.
– एड. पाटिल, गुणरत्न सदावर्ते, शंकरराव हिंगे और राजाराम पाटिल ने याचिका में न्यायमूर्ति शुक्रे की आयोग पर अध्यक्ष के रुप में नियुक्ति करने पर भी आपत्ति ली है. याचिका पर सुनवाई प्रलंबित रहने तक कानून पर अमल न करने और एसईबीसी से सरकारी नौकरी और शिक्षण में आरक्षण देने बाबत कोई भी विज्ञापन न निकालने के आदेश सरकार को देने की मांग याचिकाकर्ताओं ने की है.
– मराठा क्रांती मोर्चा के विनोद पाटिल ने भी अपना पक्ष सुनने के लिए उच्च न्यायालय में कैवेट दाखिल किया है.

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