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मविआ अब मध्यावधि की उम्मीद में

निर्वाचन आयोग के फैसले पश्चात लगाए जा रहे तर्क

मुंबई /दि.18- शिवसेना के नाम व चुनावी चिन्ह को लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्बारा दिए गए फैसले के बाद कल देर रात महाविकास आघाडी के कुछ प्रमुख नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. जिसमें बदली हुई राजनीतिक स्थितियों का आकलन करते हुए तर्क लगाया गया कि, शायब अब बहुत जल्द राज्य में मध्यावधि चुनाव घोषित हो सकते है.
उल्लेखनीय है कि, राज्य में उद्धव ठाकरे की सरकार के गिरने के बाद शिंदे-फडणवीस की नई सरकार सत्ता में आयी. परंतु उद्धव ठाकरे को लेकर जनता में काफी हद तक सहानुभूति बनती दिखाई दी. जिसकी वजह से पंढरपुर व कोल्हापुर के उपचुनाव पूरी ताकत के साथ लडने वाली भाजपा ने अंधेरी का उपचुनाव लडा ही नहीं. वहीं अब पुणे के कस्बा व चिंचवड निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में भाजपा को काफी मेहनत करनी पड रही है. इसी दौरान विधायकों की अपात्रता के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और 5 जजों की खंडपीठ भी इस मामले में फैसला सुनाएगी. ऐसे में यदि आगामी 15-20 दिनों में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आता है और यह फैसला शिंदे गुट के खिलाफ जाता है, तो शिंदे गुट समर्थक, सांसदों, विधायकों व पदाधिकारियों में काफी संभ्रम पैदा हो जाएगा. ऐसे में आयोग का यह निर्णय शिंदे गुट के साथ ही भाजपा के लिए सुविधापूर्ण है और सोशल मीडिया सहित जमीनीस्तर पर इस समय शिंदे गुट व भाजपा की धूम है. ऐसे में बहुत संभव है कि, इस स्थिति का फायदा उठाने हेतु भाजपा व शिंदे गुट द्बारा राज्य मेें मध्यावधी चुनाव करवाए जाए.

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