मुंबई./दि.15 – महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष पर देश की सबसे बडी अदालत में लगातार दूसरे दिन सुनवाई शुरु रही. आज शिंदे गट ने वरिष्ठ वकील हरीश सालवी, नीरज कौल, महेश जेठमलानी के जरिए अपना पक्ष रखा. शिंदे गट ने दावा किया कि महाराष्ट्र की तत्कालीन सरकार गिरने के लिए उद्धव ठाकरे जवाबदार हैं.
आज आरंभ में ही हरीश सालवी ने जिरह करते हुए नबाम रेबिया प्रकरण महाराष्ट्र के सत्तातंर से लागू रहने की बात कही. उन्होंने कहा कि सत्ता संघर्ष का यह मामला संवैधानिक है. अजय चौधरी का गट नेता पद गैर कानूनी है. उनकी बैठक में केवल 14 विधायक उपस्थित थे. यह बैठक कानून सम्मत नहीं थी. सालवी ने उपाध्यक्ष नरहरी झिरवल व्दारा विधायकों को अयोग्य ठहराने का पूर्ण घटनाक्रम बतलाया.
उपरांत निरज कौल ने युक्तिवाद किया. उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव का मेल भेजा गया था. उपाध्यक्ष ने कहा कि मेल अज्ञात एड्रेस से भेजा गया. 21 जून को विधानसभा उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव भेजा गया. विधायकों ने सूचित कर दिया था कि ठाकरे पर उन्हें विश्वास नहीं. कौल ने कहा कि बनावटी कथानक के आधार पर प्रकरण बडी बैंच को नहीं दिया जा सकता, ऐसे ही अपात्र की कार्रवाई हेतु 14 दिनों की नोटिस दी थी क्या? कौल ने दावा किया कि सरकार गिरने के लिए उद्धव ठाकरे जवाबदार हैं.
मंगलवार को ठाकरे गट की तरफ से कपिल सिब्बल ने रेबिया प्रकरण महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष में लागू नहीं रहने का दावा किया था.