मुंबई/दि.3- महाविकास आघाड़ी की तरफ से राज्यभर में वज्रमूठ सभाएं ली जा रही है. सरकार के विरोध में जोरदार वातावरण बनाने का प्रयत्न हो रहा है. किंतु महाविकास आघाड़ी के शेकाप, जनता दल सेक्युलर, बीआरएसपी, भाकपा और माकपा को वज्रमूठ सभाओं से दूर रखा गया है. इसलिए इन छोटे दलों में मविआ को लेकर अलग विचार शुरु हो गया है. तीसरी आघाड़ी बनाने की संभावना तक व्यक्त हो रही है. समाचार है कि इन दलों ने इस बारे में चर्चा के लिए राज्यस्तरीय नेताओं की बैठक आहूत की है.
महाविकास आघाड़ी में रहते हुए भी यदि हमें दरकिनार किया जाएगा और कांग्रेस, राकांपा तथा शिवसेना उबाठा ही सरकार के विरोध में वातावरण का प्रयत्न करेंगे, उनके कार्यक्रमों में साथ नहीं लेंगे तो हमें अलग विचार करना ही पड़ेगा. ऐसी दोटूक बात शेकाप के सचिव राजेंद्र कोरडे ने कही. वे मीडिया से बात कर रहे थे. कोरडे ने बताया कि इंडियन मर्चंट चेंबर में प्रमुख वाम दल, जनता दल औ़र अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गई है.
उल्लेखनीय है कि राजू शेट्टी का स्वाभिमानी शेतकरी संगठन पहले ही मविआ से दूर हो गया है. उन्होंने अपने बल पर चुनाव लड़ने का निर्णय किया है. शेट्टी ने बातचीत में कहा कि यदि तीसरा मोर्चा बनता है तो हम उसके साथ जाने में सकारात्मक रुप से अवश्य विचार करेंगे.
प्रदेश में बेरोजगारी, खेतीबाड़ी की समस्याएं, सामाजिक, राजकीय समस्याएं रहने पर भी महाविकास आघाड़ी के एजेंडा में सिर्फ राजकीय विषय रहने की शिकायत यह दल कर रहे हैं. ऐसे ही वज्रमूठ सम्मेलनों में छोटे दलों की अनदेखी किए जाने की भावना भी उन्होंने व्यक्त की है. जिससे ऐन चुनाव के समय सीटों के बंटवारे में केवल कांग्रेस, राकांपा तथा उबाठा शिवसेना की चर्चा होगी. वाम दल तथा अन्य पार्टियां पिछड़ जाएगी. अतः अभी से कदम उठाना आवश्यक रहने की बात नेताओं ने कही. इसीलिए कल प्रमुख दल और संगठन नेताओं की मुंबई में बैठक होने जा रही है. उसमें पूरे प्रदेश में सम्मेलन लेकर आम लोगों की समस्याओं पर मुंबई में बड़ा मोर्चा निकालने पर निर्णय अपेक्षित है.
इन दलों के साथ समाजवादी पार्टी भी रहने की संभावना राजनीतिक जानकार देख रहे हैं.सपा के सहभाग से निश्चित ही तीसरी आघाड़ी की प्रक्रिया को बल मिलेगा.