महाराष्ट्र

चिकित्सा सेवा आती है उपभोक्ता संरक्षण के दायरे में

मेडिको लीगल एक्शन समूह की याचिका हाईकोर्ट ने की खारीज

  • याचिकाकर्ता पर लगाया जुर्माना

मुंबई/दि.9 – बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को अपने एक आदेश में साफ किया कि, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के दायरे में आते हैं. क्योंकि वे अपनी सेवा का शुल्क लेते हैं. इसलिए मरीजों को सेवा देनेवाले डॉक्टरों के कार्य को सेवा की परिभाषा के दायरे से बाहर नहीं रखा जा सकता है. भले ही उपभोक्ता संरक्षण के पुराने कानून को खत्म करके साल 2019 में नया कानून लाया गया है.
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने मेडिको लीगल एक्शन समूह की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही. याचिका में स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के कार्य उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के दायरे में नहीं आते हैं, यह घोषित किए जाने का आग्रह किया गया था.
साथ ही मांग की गई थी कि सभी उपभोक्ता फोरम को निर्देश दिया जाए कि वे स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के खिलाफ उपभोक्ता कानून 2019 के तहत की जानेवाली शिकायतों का पंजीयन न करें. खंडपीठ ने उपभोक्ता कानून में दी गई सेवा की परिभाषा का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद याचिकाकर्ता के दावे पर असहमति व्यक्त की. खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने व सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को आधारहीन पाया और उसे खारिज कर दिया. साथ ही याचिकाकर्ता पर 50 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया.

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