मुंबई / दि.28- राज्य सरकार व्दारा कर्मचारियों की ठेकेदारी तौर पर मेगा भर्ती किए जाने का निर्णय लिया गया है. जिसमें 20 से 30 फीसदी खर्च की बचत होगी. किंतु महाविकास आघाडी सरकार व्दारा लिए गए इस निर्णय का कर्मचारी संगठनाओं तीव्र निषेध किया है. कर्मचारी संगठनाओं ने इस निर्णय को लेकर विरोध दर्शाया है. शासकीय खर्च में कटौती किए जाने व विकास कामों के लिए निधि उपलब्ध हो इस उद्देश्य को लेकर ठेकेदारी तौर पर कर्मचारियों की भर्ती का निर्णय राज्य के वित्त विभाग व्दारा लिया गया था. जिसमें सरकारी खर्च में 20 से 30 फीसदी बचत होगी.
मंत्रालयीन विभाग के लिपिक, टंक लेखक, स्वीसहाय, कनिष्ठ लेखापाल यह सभी पद नियमित भरना आवश्यक है. जिसमें इन पदों को छोडकर बाकी सभी पद ठेकेदारी तौर पर भरे जाने का निर्णय वित्त विभाग व्दारा लिया गया. जिसमें संगणक अभियंता, डेटा एंट्री ऑपरेटर, वाहन चालक, माली, अर्धकुशल कामगार, टेलिफोन ऑपरेटर, लिफ्ट ऑपरेटर, केयरटेकर, सिपाही, चपरासी, चौकीदार, सफाई कर्मचारियों समावेश है.
* इन पदों की ठेकेदारी तौर पर भर्ती
संगणक अभियंता, डेटा एंट्री ऑपरेटर, वाहन चालक, माली, अर्धकुशल कामगार, टेलिफोन ऑपरेटर, लिफ्ट ऑपरेटर, केयरटेकर, सिपाही, चपरासी, चौकीदार, सफाई कर्मचारी.
* ठेकेदारी तौर पर भर्ती का निर्णय गलत
ठेकेदारी तौर पर कर्मचारियों की भर्ती का निर्णय सरकार व्दारा लिया गया है वह गलत है. इसके विरोध में हमारी संगठना तीव्र आंदोलन करेगी और सरकार की गलत नीतियों का निषेध व्यक्त किया जाएगा.
– भाऊसाहब पठान,
राज्य सरकारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मध्यवर्ती महासंघ
* सरकार निर्णय पीछे लें
राज्य सरकार व्दारा कर्मचारियों की भर्ती ठेकेदारी तौर पर की जाने की घोषणा की गई है. तत्काल यह निर्णय सरकार वापस ले, जिसमें उपमुख्यमंत्री अजीत पवार हस्तक्षेप करे. इस प्रकार की मांग का पत्र सरकार को भिजवाया गया है.
– विश्वास काटकर,
महासचिव राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठना