अकोला/दि.24-राज्य सरकार ने निर्माणकार्य कामगार मंडल द्वारा पंजीकृत व पंजीयन नहीं रहने वाले श्रमिकों को कार्यस्थल पर मध्याह्न भोजन देने की योजना 2018 में शुरु की थी. हालांकि, करीबी लोगों को ठेका देने का आरोप होने से से यह योजना आखिरकार बंद पडी.
महाराष्ट्र इमारत बांधकाम कामगार व अन्य कामगारों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती है. महाविकास आघाडी सरकार ने 2018 में कामगारों को पोषक आहार मिलें, इसके लिए उनके कार्यस्थल अथवा वे जहां रहते है, वहां भोजन देने की योजना लाई. इसमें सब्जी, चपाती, चावल, दाल, आचार और गुड का समावेश था. शुरुआत में अनेक पंजीकृत निर्माण श्रमिकों ने इस योजना का लाभ भी लिया. अकोला जिले के निंबी मालोकार में बडा प्रोजेक्ट शुरु हुआ. जिससे कईयों को रोजगार भी मिला, परंतु अकोला सहित अन्य जिले में बोगस निर्माण श्रमिक दिखाकर लाखों रुपए के बिल निकाले जाने का आरोप किया गया. भोजन का ठेका करीबी लोगों को देने का आरोप लगाया जाने से यह योजना ज्यादा समय तक टिकी नहीं.
योजना में विवादों में आने से पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को इस योजना का लाभ नहीं मिला. कईयों के केवल नाम सूची में आए. हालांकि, लाभ नहीं मिला. योजना में भ्रष्टाचार का आरोप होने के बाद संबंधितों की जांच भी शुरु की गई थी. परंतु, जांच ठंडे बस्ते में है. इसका असर श्रमिकों पर हुआ. यह योजना पुन: शुरु करने की मांग पंजीकृत निर्माण श्रमिकों द्वारा की जा रही है.
मध्याह्न भोजन योजना नवंबर 2023 में सरकार ने बंद की है. योजना शुरु होने पर पंजीकृत निर्माणकार्य कामगारों को निश्चित ही लाभ मिलेगा.
-राहुल काले, सहायक कामगार आयुक्त,
अकोला.