पथ्रोट /दि. 29– मौजे वागडोह अंतर्गत ई-क्लास जमीन पर एक संस्था द्वारा लगाए गए नीलगिरी के पेडों की कटाई पर ग्राम पंचायत ने आपत्ति उठायी. कांटे गए पेडों की आधी रात को ढुलायी की गई. दूसरा वाहन रोके जाने के बाद यह मामला उलझ गया है.
श्री संत ज्ञानेश्वर बहुउद्देशीय संस्था और वागडोह ग्राम पंचायत उक्त जमीन के मालिकाना हक और अनुमति पर आमने-सामने आ गयी है. उक्त जमीन 30 वर्षों के लिए संस्था को लीज पर दिए जाने का करार है. सरकार के नाम 731 खाता नंबर दर्ज है. इस जगह की लीज की अवधि 2028 तक रहने का उल्लेख अनुबंध में है. जमीन पर 57 वनौषधी की प्रजातियां आंतर फसल के रुप में उगाई गयी थी. संस्था ने ही वनौषधी के पौधे लगाए थे. नीलगिरी के पेड कांटे गए.
संस्था का दावा है कि, पहले चर्चा कर निर्णय किया गया. उसके बाद में पेडों की कटाई की गयी. इस कटाई से प्राप्त रकम की 25 प्रतिशत राशि सामाजिक वनीकरण विभाग के पास जमा की जाती है. नीलगिरी के पत्तों से तेल निकालने का अधिकार संस्था को है. संस्था ने यह भी का कि, बारिश के सीजन में इन पेडों का पुनर्जीवन होगा. किंतु पेड कटाई के लिए वन और राजस्व विभाग की अनुमति क्यों नहीं ली गयी, यह वजह सामने कर ग्राम पंचायत ने आपत्ति उठायी. संस्था का कहना है कि, पेडों की प्रक्रिया के तहत कटाई की गई है. जिसमें वन महकमें की अनुमति आवश्यक नहीं. बारिश में वह फिर उग आते है. यह सभी प्रक्रिया नियमानुसार होने का दावा संस्था ने किया है. एक वाहन में कांटे हुए पेड चले जाने के बाद दूसरा वाहन अडाया गया था.