नागपुर/दि.20– मराठवाडा और विदर्भ में खेती किसानी को पूरक व्यवसाय से जोडने के लिए दूध क्रांति योजना क्रीयान्वित हो रही हैं. दोनों क्षेत्र के 19 जिलों में किसानों को 14 हजार से अधिक गाय और भैंस का वितरण 50 से 75 प्रतिशत अनुदान पर दिया जाएगा. राज्य शासन का लक्ष्य 2028 तक अर्थ व्यवस्था को 1 लाख करोड डॉलर तक ले जाना हैं. अतः किसानों की आमदानी बढाने के लिए उक्त महत्वकांक्षी योजना लाई गई हैं.
किसानों से अच्छा प्रतिसाद
योजना में कृषक वर्ग से उमदा प्रतिसाद की उम्मीद हैं. दूध व्यवसाय में किसानों को तुरंत भुगतान हो जाता हैं और दूध का रेट भी अच्छा मिलता हैं. इस लिए बडी संख्या में किसान दूध के धंधे में आकर्षित हुए हैं. मदर डेयरी और एनडीडीबी के माध्यम से दूध का बडा मार्केट उपलब्ध होगा.
प्रदेश 6वें नंबर पर
दूध उत्पादन में महाराष्ट्र 6वें क्रमांक पर हैं. देश में प्रति व्यक्ति दूध सेवन का प्रमाण 459 ग्राम हैं. जबकि पंजाब में यही प्रमाण 1283 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन हैं. महाराष्ट्र में यह मात्रा 329 ग्राम हैं. ऐसे में दूध उत्पादन बढाने पर बल दिया जा रहा हैं. 2016 से 2022 दौरान दूध विकास प्रकल्प चरण 1 से 11 जिलोें में 5 लाख लीटर दूध संकलन का उद्देश्य रखा गया था. किंतु केवल 3 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो सका.