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एमआईएम है आघाडी का हिस्सा बनने तैयार

आघाडी में चौथा चक्का जोडने राकांपा प्रमुख पवार को दी खुली ऑफर

* राज्य में जल्द दिखाई दे सकता है नया राजनीतिक समीकरण
मुंबई/दि.19– इस समय राज्य में कांग्रेस, राकांपा व शिवसेना इन तीन प्रमुख घटक दलों की सरकार है. वही अब एमआईएम ने चौथे घटक दल के तौर पर इस सरकार में शामिल होने की तैयारी दिखाई है. एमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के जरिये राकांपा प्रमुख व सांसद शरद पवार के पास संदेश पहुंचाया है कि, यदि भाजपा को आगामी चुनाव में सत्ता से दूर रखना है, तो सभी दलों ने एक साथ आना चाहिए. इस बात के मद्देनजर तीन चक्कोंवाली सरकार में चौथे चक्के के तौर पर जुडने हेतु एमआईएम तैयार है. ऐसे में अब जल्द ही राज्य में एक नया राजनीतिक समीकरण उभरता दिखाई दे सकता है. ऐसे में सभी की निगाहें इस बात की ओर लगी हुई है कि, फिलहाल तीन दलोंवाली सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना द्वारा इसे लेकर क्या भूमिका अपनाती है.
उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव पश्चात मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा व शिवेसना की युती में दरार पड गई और ऐतिहासिक उलटफेर के बीच शिवसेना ने कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर राज्य की सत्ता व मुख्यमंत्री पद हासिल कर लिया. जिसके चलते चुनाव में सर्वाधिक सीटें जीतने के बाद भी भाजपा को विपक्ष में बैठना पडा. हालांकि इसके बाद भाजपा ने हिंदुत्व के मसले को लेकर शिवसेना पर जबर्दस्त प्रहार करने शुरू कर दिये. इसी दौरान भाजपा से वास्ता रखनेवाले एक केंद्रीय मंत्री ने महाविकास आघाडी के 25 विधायक अपने संपर्क में रहने का दावा किया. साथ ही भाजपा द्वारा आये दिन यह भी दावा किया जाता है कि, महाविकास आघाडी सरकार किसी भी वक्त गिर सकती है. इन्हीं सबके बीच अब सांसद असदउद्दीन ओवेसी के नेतृत्ववाली एमआईएम द्वारा महाविकास आघाडी के साथ हाथ मिलाने की तैयारी दर्शाई गई है. यदि ऐसा होता है, तो भाजपा के हाथ में शिवसेना के खिलाफ काफी बडा मुद्दा लग जायेगा.
इस संदर्भ में पूछे जाने पर सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि, उन्हें शिवसेना के कट्टर हिंदुत्ववादी होने से कोई समस्या नहीं है, बल्कि इस समय सबसे जरूरी यह है कि, भाजपा को हराने के लिए सभी दल एकसाथ आये और साथ मिलकर राज्य की विभिन्न महानगरपालिकाओं के चुनाव लडने चाहिए, ताकि भाजपा को पूरी तरह से सत्ता से बाहर रखा जा सके. इसके साथ ही सांसद इम्तियाज जलील ने यह भी कहा कि, हम पर अक्सर ही भाजपा की बी-टीम होने का आरोप लगता है. ऐसे में इसे झूठलाने के लिए हम खुद भाजपा के खिलाफ महाविकास आघाडी में शामिल होने के लिए तैयार है. अत: हम पर आरोप लगानेवालों ने अब अपनी भूमिका तय करनी चाहिए.
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* औरंगजेबवालों से हम शिवाजीवालों का कोई संबंध नहीं
एमआईएम की ओर दी गई ऑफर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के प्रवक्ता व सांसद संजय राउत ने कहा कि, जो लोग भाजपा के साथ गुप्त संगठन बनाकर काम कर रहे है, उनके महाविकास आघाडी में आने का सवाल ही नहीं उठता. साथ ही जो लोग औरंगजेब को मानते है, उनका छत्रपति शिवाजी महाराज को माननेवालों के साथ कोई संबंध नहीं हो सकता. औरंगजेब की कब्र के सामने झूकनेेवालों के साथ हमारी कभी कोई आघाडी नहीं हो सकती. साथ ही सांसद राउत ने यह भी कहा कि, इस समय राज्य में तीन दलों का समावेश रहनेवाली आघाडी सत्ता में है और आघाडी में चौथा या पांचवा दल कौनसा रहेगा, इसे लेकर अभी से चर्चा करने की कोई जरूरत भी नहीं है.
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* चाहे कितने ही दल एकजूट हो जाये, पर जनता भाजपा को ही चुनेगी
वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर अब भाजपा ने एक बार फिर शिवसेना पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. नागपुर में प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, एमआईएम ने महाविकास आघाडी के साथ जरूर जाना चाहिए, क्योेंकि वे सभी एक ही है और भाजपा को हराने के लिए एकजूट हो रहे है. किंतु महाराष्ट्र और देश की जनता नरेंद्र मोदी के साथ है तथा भाजपा को ही चुनेगी. इसके अलावा फडणवीस ने यह भी कहा कि, शिवसेना द्वारा हिंदु हृदय सम्राट बालासाहब ठाकरे की बजाय अब जनाब बालासाहब ठाकरे संबोधन को स्वीकार कर लिया गया है. साथ ही खुद को कट्टर हिंदुत्ववादी कहलानेवाली शिवसेना द्वारा अजान स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं कि, अब शिवसेना द्वारा एमआईएम जैसे कट्टरवादी दल के साथ हाथ मिला लिया जाये, क्योंकि शिवसेना सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.

 

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