नवाब मलिक हुए बिना विभाग के मंत्री
मलिक के दोनों मंत्रालयों का जिम्मा सौंपा गया राकांपा के दो मंत्रियों को
* राकांपा के प्रस्ताव पश्चात ठाकरे सरकार ने लिया बडा निर्णय
मुंबई/दि.28- राज्य के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किये जाने और लगातार दूसरी बार उनकी जमानत खारिज हो जाने के बाद राकांपा सुप्रीमो शरद पवार की अध्यक्षता में पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. जिसमें नवाब मलिक के पास रहनेवाले मंत्रालयों की जिम्मेदारी अब राकांपा के अन्य दो मंत्रियों के पास सौंपे जाने का निर्णय लिया गया. पश्चात पार्टी द्वारा इस आशय का प्रस्ताव मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के पास भेजा गया. जिसे सीएम उध्दव ठाकरे के नेतृत्ववाली महाविकास आघाडी सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया. ऐसे में अब नवाब मलिक बिना विभाग के मंत्री रह गये है और अब तक उनके पास रहनेवाले मंत्रालयों का जिम्मा अब दो मंत्रियों को सौंप दिया गया है.
राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संदर्भ में एक अधिसूचना जारी की है. जिसमें सीएम उध्दव ठाकरे ने राज्यपाल से नवाब मलिक के पास रहनेवाले विभागों का कामकाज राकांपा के कोटेवाले मंत्रियों को देने की सिफारिश की है. जिसके चलते राज्यपाल ने नवाब मलिक के पास रहनेवाले कौशल्य, रोजगार, उद्योजकता व नाविन्यता विभाग की जवाबदारी स्वास्थ्य मंत्री टोपे के पास सौंपी है. वही अब तक मलिक के पास रहनेवाले अल्पसंख्यक मंत्रालय का कार्यभार अब राज्य के गृहनिर्माण मंत्री जीतेंद्र आव्हाड के सौंप दिया गया है. इसके साथ ही जिन जिलों के पालकमंत्री पद का जिम्मा अब तक नवाब मलिक के पास था, वहां पर पालकमंत्री पद का जिम्मा भी राकांपा के कोटेवाले मंत्रियों को सौंपा गया है. जिसके तहत गोंदिया जिले के पालकमंत्री पद पर राज्यमंत्री प्राजक्ता तनपुरे व परभणी के पालकमंत्री पद पर मंत्री धनंजय मुंडे की नियुक्ति की गई है. इसके अलावा अब तक राकांपा के मुंबई अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी नवाब मलिक के पास थी. ऐसे में नवाब मलिक की अनुपस्थिति को देखते हुए मुंबई कार्याध्यक्ष के तौर पर नरेंद्र राणे व राखी जाधव को नियुक्त किया गया है. जिनके नेतृत्व में राकांपा द्वारा मुंबई मनपा का चुनाव लडा जायेगा.