महाराष्ट्र

राज्यपाल को नहीं भेजा मंत्री का इस्तीफा : फडणवीस

मुंबई दि.३ – टिकटॉक मॉडल पूजा चव्हाण मामले में फंसे संजय राठोड के इस्तीफे को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है. फडणवीस ने कहा मुख्यमंत्री बोल रहे हैं कि इस्तीफा फ्रेम कराने के लिए नहीं आया कि, उन्होंने इस्तीफा राज्यपाल के पास भेजा है. राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान फडणवीस ने कहा कि, इस मामले में 20 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. 12 ऑडियों क्लिप में जो सबूत हैं उससे ज्यादा क्या सबूत चाहिए?
फडणवीस ने कहा कि, यवतमाल के मेडिकल कॉलेज में जो हुआ है उसका लिंक, सभी टावर लोकेशन सरकार के पास है. कौन किससे मिला सरकार जानती है. अरुण राठोड का बयान भी सरकार के पास है. फिर एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की जा रही है. सरकार बहाना बना रही है कि, पूजा के माता-पिता शिकायत नहीं कर रहे हैं.

  • परेशान हैं किसान

फडणवीस ने कहा कि, राज्य का किसान परेशान है. अमरावती, अकोला विभाग में बोंडअली के चलते 88 से 100 फीसदी तक फसलों का नुकसान हुआ हैं, मराठवाडा के किसान भी बेमौसम बरसात से परेशान हैं. लेकिन किसानों को मदद मिलना तो दूर उनकी बिजली काटी जा रही है.

  • बहबूब शेख पर नहीं हो रही कार्रवाई

फडणवीस ने कहा कि, महबूब शेख पर सिर्फ इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही है. क्योंकि यह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता है. एफआईआर हुई और उसके बाद महिला बार-बार सामने आकर दुष्कर्म की जानकारी दे रही है. उनकी डीसीपी आरोपी का बचाव कर रहे हैं. फडणवीस ने सवाल किया कि, क्या प्रस्तावित शक्ति कानून में सत्ता पक्ष, विपक्ष और जनता के लिए अलग-अलग कानून बनेगा? राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है. इंडिया जस्टिस की रिपोर्ट के मुताबिक कानून व्यवस्था के मामले में महाराष्ट्र 2019 में चौथे नंबर पर था और 2020 में 13 वें नंबर पर पहुंच गया है.

  • तो बच जातीं 30 हजार से ज्यादा जानें

फडणवीस ने कोरोना संक्रमण को लेकर भी सरकार को घेरा. फडणवीस ने कहा कि, अगर सरकार सही तरीके से रणनीति बनाती तो 30 हजार से ज्यादा जाने बच सकती थीं. उन्होंने दावा किया कि, कोविड सेंटर के नाम पर राज्य में बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. राज्य में 40 फिसदी कोरोना मरीज और बीमारी से जान गंवाने वाले 35 फीसदी महाराष्ट्र के रहे. अब भी 46 फीसदी सक्रिय मरीज राज्य में है. इसके बावजूद सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है. उन्होंने कहा कि, सरकार बडे अस्पताल रिकॉर्ड समय में बनाने का दावा कर रही है. लेकिन इसमें रिकॉर्ड भ्रष्टाचार भी हुआ है. जिस बेडसीट को दो लाख रुपए में खरीदा जा सकता था उसके लिए 8.5 लाख रुपए किराया दिया गया. 90 दिन में पंखे के लिए 9 हजार किराया दिया जिसमें कितने पंखे खरीदे जा सकते थे. इसी तरह गद्दे, तकिया, सलाइन के लिए 60 लाख रुपए खर्च किए गए. 1200 रुपए का थर्मामीटर 6500 रुपए में खरीदा गया. 150 टेबल का किराया छह लाख 75 हजार रुपए और कुर्सियो के लिए 4 लाख रुपए किराया दिया गया. मृत शरीर के लिए बैग और पीपीई किट में भी घोटाला किया गया. अमरावती में अब भी कोरोना पॉजिटिव घोषित करने का गिरोह काम कर रहा हैं.

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