राजनीतिक मामले वापिस लेने का अधिकार मंत्रालय के पास हो
जिला स्तर पर सर्वाधिकार देने का वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा विरोध
मुंबई/दि.9– विविध प्रकार के राजनीतिक व सामाजिक आंदोलनों के लिए राजनेताओं व कार्यकर्ताओं पर दर्ज होनेवाले अपराधों को रद्द करने के लिए जिला स्तर पर प्रशासकीय अधिकारियों को सर्वाधिकार देने पर राज्य के वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा आपत्ति दर्ज करायी गई है. जिसे लेकर कहा गया है कि, ऐसा करने से राजनीतिक दबाव तंत्र का प्रयोग करते हुए अपनी-अपनी पार्टी के लोगों पर दर्ज मामलों को खारिज करवाने का प्रमाण बढ जायेगा. ऐसे में इस बारे में फैसला लेने का अंंतिम अधिकार मंत्रालय स्तर पर ही होना चाहिए. यदि इस पर सहमति बनती है, तो जल्द ही इसे लेकर प्रस्ताव को मंजुरी के लिए रखा जा सकता है.
बता दें कि, जिन राजनीतिक व सामाजिक आंदोलनों में 5 लाख रूपये से अधिक मूल्य की संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ है. जिन आंदोलनों में कोई हिंसा नहीं हुई है और जिन आंदोलनों में किसी की मौत भी नहीं हुई है, ऐसे आंदोलनों को लेकर दर्ज अपराधिक मामलों को वापिस लेने के संदर्भ में गृह विभाग द्वारा मंत्रिमंडल के समक्ष एक प्रस्ताव रखा गया था. जिसे लेकर राज्य के वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा अपनी नापसंदगी दर्शाई गई है.