महाराष्ट्र

उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को अल्प राहत

राज्य के 1 हजार महाविद्यालयों का शुल्क वृध्दि न करने का निर्णय

पुणे/ दि.२७ – राज्य के 1 हजार 24 महाविद्यालयों ने शुल्क बाबत ‘नो अपवर्ड रिविजन’ पर्याय चुनते हुए शुल्क वृध्दि न करने का निर्णय लिया है. जिससे आगामी शैक्षणिक वर्ष में व्यवसायिक पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश लेने इच्छूक विद्यार्थियों को कुछ प्रमाण में राहत मिलेगी.
शुल्क नियामक प्राधिकरण ने जारी अध्यादेश के अनुसार यह जानकारी संकेत स्थल पर घोषित की है. शुल्क नियामक प्राधिकरण को (एफआरए) उच्च व तंत्रशिक्षण विभाग, वैद्यकीय शिक्षा विभाग व कृषि विभाग के पाठ्यक्रमों का शैक्षणिक शुल्क तय किया जाता है. उसके अंतर्गत आगामी 2021-22 इस शैक्षणिक वर्ष के लिए अभियांत्रिकी, व्यवस्थापन, वास्तुकला, वैद्यकीय, कृषि, विधि आदि विविध पदवी, पदवीका, पदव्यूत्तर पाठ्यक्रमों का शुल्क निश्चित किया गया. तंत्रशिक्षण व कृषि के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का शुल्क 50 हजार से 2 लाख रुपए के बीच रहता है. वैद्यकीय पाठ्यक्रम का शुल्क 1 लाख से 10 लाख रुपए के बीच है. ‘एफआरए’ के नियम के अनुसार इन महाविद्यालयों को हर वर्ष 8 प्रतिशत तक शुल्क वृध्दि करने की छुट रहती है. किंतु 1 हजार 24 महाविद्यालयों में शुल्क वृध्दि न करने से विद्यार्थियों को राहत मिली.

  • क्या तय हुआ

929 महाविद्यालयों में पिछले वर्ष के अनुसार शुल्क लगाने तय किया है. वहीं 95 महाविद्यालयों में 2019-20 इस शैक्षणिक वर्ष के लिए लगाया गया शुल्क ही आगामी वर्ष के लिए लगाने का निर्णय लिया. इन महाविद्यालयों ने लगातार दो वर्ष किसी प्रकार की शुल्क वृध्दि नहीं की. अभियांत्रिकी, औषधि निर्माण शास्त्र पदवीका, व्यवस्थापन शास्त्र पदव्युत्तर पदवी आदि प्रमुख पाठ्यक्रमों के लिए शुल्क वृध्दि नहीं हुई.

  • आर्थिक उत्पन्न पर परिणाम

कोरोना के प्रादुर्भाव के चलते अनेकों के आर्थिक उत्पन्न पर परिणाम हुआ है. उत्पन्न घटने का मानसिक तनाव भी है. महाविद्यालयों के प्रवेश पर भी उसका परिणाम हुआ है. इन पृष्ठभूमि पर अलग-अलग कारणों से महाविद्यालयों में शुल्क वृध्दि न करने का निर्णय लेने की बात अध्यादेश में स्पष्ट की गई है. साथ ही शुल्क बढाना या पिछले वर्ष का ही शुल्क कायम रखना इस बाबत गंभीरता से विचार करने का समय आ गया है, ऐसा स्पष्ट किया गया.

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