महाराष्ट्र में कोविड से ठीक हुए परिवार के बच्चों पर MIS-C का नया खतरा गहराया
मुंबई/दि.२१ – देश अभी कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ ही रहा है ऐसे में रोज नई दिक्कतें सामने आ रही हैं. महाराष्ट्र में अब कोविड से ठीक हुए परिवार के बच्चों में मल्टीसिस्टम इन्फ्लामेंट्री सिंड्रोम (MIS-C) के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक नागपुर में 2-12 की उम्र के करीब छह बच्चे जिन्हें हॉस्पिटल में दाखिल किया गया, इन बच्चों में MIS-C के लक्षण देखने को मिले हैं.
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय चिकित्सा संघ के यवतमाल के अध्यक्ष और बाल चिकित्सक डॉ संजीव जोशी ने बताया कि ऐसे बच्चे जिनके परिवार में कोरोना वायरस की जांच पॉजिटिव आई है, उनमें ‘कोविड एंटीबॉडीज’ बन जाती है जो MIS-C की वजह बन रहा है.
फिलहाल ऐसे मामले सिर्फ नागपुर, यवतमाल, वाशिम और बुलधना में सामने आए हैं लेकिन अब कोविड से ठीक हुए अभिभावकों को सलाह दी जा रही है कि बच्चों में ऐसे लक्षणों पर निगरानी रखें. MIS-C के लक्षण कावासाकी नाम की बीमारी की तरह है, जिसमें अंगों और ऊतकों की जलन, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, पेट में दर्द और नाखून और त्वचा पर नीले रंग के धब्बे नजर आना शामिल है. खास बात ये है कि जरूरी नहीं है कि बच्चों का कोविड टेस्ट पॉजिटिव ही हो. हो सकता है बच्चा नेगेटिव आए और फिर भी उसमें यह तमाम लक्षण दिखें.
अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वो ठीक होने के बाद भी कम से कम एक महीने तक अपनी देख रेख करें. अच्छी बात ये है कि अगर शुरुआत में पता चल जाए तो इस बीमारी का इलाज मुश्किल नहीं होता है. हालांकि अभी भी MIS-C के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं चल पाया है लेकिन दूसरी लहर ने जिस तरह से भयावह रूप धरा है, उसकी वजह से इस बीमारी को भी कोविड संक्रमण से जोड़ कर देखा जा रहा है.