लापता वैभव का पिछले पांच दिनों से पता नहीं
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का बेटा है यह युवक

* मोबाइल लोकेशन मिलने पर पुलिस के पहुंचते ही हो जाता है गायब
* घर से जाते समय पास में थे 1.30 लाख रुपए
अमरावती /दि.20– कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा जिला बैंक के संचालक हरिभाउ मोहोड का पुत्र वैभव मोहोड पिछले पांच दिन से लापता है. पुलिस में शिकायत के बावजूद उसका अब तक पता नहीं चल पाया है. बताया जाता है कि, शादी के एक दिन पूर्व ही वैभव घर से लापता हो गया. पुलिस उसके मोबाइल लोकेशन के आधार पर पहुंचते ही वह गायब हो जा रहा है. इस कारण अब पुलिस का कहना है कि, जो पैसे लेकर घर से खुद गया है, उसे वह कैसे खोजे. यह भी पता चला है कि, वैभव मोहोड के पास घर से लापता हुआ, तब नकद 1 लाख 30 हजार रुपए पास में थे. फ्रेजरपुरा पुलिस अभी भी उसकी तलाश कर रही है.
उल्लेखनीय है कि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीभाऊ मोहोड के शिवाजी कॉलेज में क्लर्क के रूप में काम करने वाले लापता पुत्र वैभव के पास करीब 1 लाख 30 हजार रुपए की राशि है और वह अलग-अलग जगह पर घूम रहा है. वैभव का नागपुर शहर के एक होटल में लोकेशन मिलने के बाद पुलिस ने वहां जाकर उसे तलाश किया था. परंतु वह वहां पर मिला नहीं. पुलिस ने वैभव के नागपुर में जिस लोकेशन पर ट्रेस किया था, उस जगह पर लगे सीसीटीवी में वैभव दिखाई भी दिया लेकिन वह कहां व क्यों छिपा है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है. संयोग से इस मामले में अभी तक वैभव के पिता को किसी प्रकार की धमकी का कोई फोन नहीं आया है. वहीं पुलिस को भी इस मामले में कोई अप्रिय घटना अथवा धमकी का एंगल नहीं दिखाई दिया है. लेकिन शादी के एक दिन पहले ही वैभव का लापता होना अभी तक रहस्य ही बना हुआ है.
बता दें कि, वैभव 13 मई को अपने घर से रवाना होने से पहले 90 हजार रुपए नकद लेकर निकला था. इसी प्रकार उसने शहर छोड़ने से पहले राजकमल चौक के एक एटीएम से 40 हजार रुपए विड्रॉल भी किए थे. वैभव की मिसिंग रिपोर्ट आए पांच दिन हो चुके हैं और इस दौरान पुलिस उसे नागपुर के विभिन्न इलाकों में ढूंढ रही है. उधर वैभव का भी घूमना और यात्राएं करना जारी है. उसकी जहां पर लोकेशन मिलती है पुलिस वहां पर पहुंचती है लेकिन वैभव अपना फोन बंद कर वहां से रवाना हो जाता है. अब तो वैभव द्वारा अपना फोन भी आवश्यकता के अनुसार शुरू रखा जाता है और बाद में वह फोन बंद कर देता है. हालांकि, उसकी लोकेशन नागपुर शहर व अस-पास के इलाके की ही मिलती है. ऐसे में पुलिस की मानसिकता यही दिखाई दे रही है कि जो स्वयं अपनी मर्जी से घर छोड़ कर गया है उसे कैसे ढूंढा जा सकता है.