अमरावतीमहाराष्ट्र

‘डिजिटल साइन’ के दुरुपयोग से निविदा रद्द करने की नौबत

जलसंपदा विभाग ने दर्ज किया निरीक्षण

* ‘डीएससी’ का प्रयोग खुद करना किया अनिवार्य
अमरावती /दि.1– जलसंपदा विभाग की निविदा प्रक्रिया में डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (डीएससी) का प्रयोग केवल संबंधित अधिकारियों द्वारा ही किया जाए, ऐस स्पष्ट आदेश राज्य सरकार द्वारा दिया गया है. साथ ही कुछ स्थानों पर डीएससी का प्रयोग अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किए जाने की बात पता चलने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
जलसंपदा विभाग के मार्फत निविदा प्रक्रिया चलाते समय सरकार की वेबसाइट पर विज्ञापन प्रकाशित करने व सूचना अपलोड करने जैसी बातों के लिए सक्षम अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर का प्रयोग अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के मार्फत किए जाने की गंभीर बात राज्य सरकार द्वारा देखी गई. जिसके चलते संबंधित अधिकारी ने अपने डिजिटल हस्ताक्षर को अपने ही पास रखकर उसका प्रयोग बेहद सावधानी के साथ करना चाहिए, ऐसा निर्देश सरकार के सहसचिव डॉ. सुदीन गायकवाड द्वारा जारी किए गए. डीएससी का प्रयोग करते समय गलत पद्धति से अपलोडींग होने के चलते अथवा किसी अन्य कारण की वजह से गलती हो जाने के चलते पूरी प्रक्रिया पर संदेह की गुंजाईश बनती है. साथ ही कई बार निविदा प्रक्रिया को रद्द करना पडता है. जिसे लेकर सरकार के विविध स्तरों पर शिकायते दर्ज कराई जाती है और संबंधित अधिकारियों को दिक्कतों का सामना करना पडता है. जिस पर उपाय के तौर पर पांचों विकास महामंडल के अख्तियार में रहनेवाले जलसंपदा विभाग के मुख्य अभियंता व कार्यकारी अभियंता को आवश्यक निर्देश दिए गए है.

* डीएससी यानि क्या?
डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (डीएससी) यह एक तरह की सुरक्षित डिजिटल चाबी है. जिसे प्रमाणपत्र धारण करनेवाले व्यक्ति की पहचान को प्रमाणित करने के उद्देश्य से जारी किया जाता है. डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र संबंधित व्यक्ति की पहचान को इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से प्रमाणित करता है और डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र का प्रयोग कर किए गए व्यवहार की जानकारी को लेकर कोई गोपनियता सुनिश्चित कर यह ऑनलाइन व्यवहार हेतु उच्चस्तरिय सुरक्षा भी प्रदान करता है.

* डीएससी का प्रयोग करते समय गलत पद्धति से अपलोडींग होने के चलते अथवा किसी अन्य कारण की वजह से गलती हो जाने के चलते पूरी प्रक्रिया पर संदेह की गुंजाईश बनती है. साथ ही कई बार निविदा प्रक्रिया को रद्द करना पडता है. जिसके चलते संबंधित अधिकारियों को डीएससी अपने ही पास रखकर उसका प्रयोग बेहद सावधानीपूर्वक करने का निर्देश दिया गया है.
डॉ. सुदीन गायकवाड
सहसचिव, जलसंपदा विभाग.

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