राज्य के प्रत्येक जिले में खुलेगा चलता-फिरता दवाखाना
मुंबई/दि.11– राज्य के ग्रामीण व दुर्गम इलाकों में सीधे मरीजों के दरवाजे तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के दृष्टिकोण से स्वास्थ्य विभाग ने अब मोबाइल मेडिकल क्लीनिकल वैन के रुप में चलता-फिरता दवाखाना शुरु करने का निर्णय लिया है. जिसके लिए प्रत्येक जिले हेतु 1 करोड रुपयों की लागत वाली अत्याधुनिक व सुसज्जित रुग्णवाहिका खरीदी जाएगी.
उल्लेखनीय है कि, ग्रामीण एवं दुर्गम क्षेत्रों में कई स्थानों पर आज भी स्वास्थ्य सेवा परिणामकारक तरीके से नहीं पहुंच पायी और कई दुर्गम क्षेत्रों के मरीज भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व उपकेंद्रों तक नहीं पहुंच पाते है. जिसके चलते ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में स्थित गांव एवं बस्तियों तक पहुंंचने हेतु प्रत्येक जिले में एक चलता-फिरता दवाखाना शुरु करने का निर्णय स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत द्वारा लिया गया है. इस चलते-फिरते दवाखाने में यानि सुसज्जित मोबाइल मेडिकल क्लीनिकल वैन मेें मरीजों की स्वास्थ्य जांच करने के साथ ही स्वास्थ्य संबंधित व्यवस्था रहेगी. इस हेतु कुल 35 रुग्ण जांच वाहन खरीदे जाएंगे. जिसके लिए 35 करोड रुपयों का खर्च अपेक्षित है.
उपरोक्त जानकारी के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना रहा कि, विगत 3 वर्षों के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज करवाने वाले मरीजों की संख्या घटी है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित उपकेंद्रों में इलाज हेतु आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है.
* क्या कहते है स्वास्थ्य विभाग के आंकडे?
– 1 हजार 908 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के बाह्यरुग्ण विभाग में वर्ष 2019-20 के दौरान 3 करोड 69 लाख 82 हजार 291 मरीजों ने इलाज करवाया.
– वर्ष 2020-21 में यह संख्या घटकर 1 लाख 65 हजार 492 हो गई.
– वहीं वर्ष 2021-22 में मरीजों की संख्या और भी घटकर 1 करोड 80 हजार 61 हजार 283 पर पहुंच गई.